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राज्यसभा के उपसभापति ने उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सांसदों को पिलाई चाय, पीएम मोदी ने की तारीफ

कल राज्यसभा के 8 सदस्यों को सभापति ने 1 हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया। इन सदस्यों ने उपसभापति के साथ दुर्व्यवहार किया था, जिसके बाद सभापति ने यह कार्यवाही की है। आपको बता दें कि 8 सदस्यों को 1 हफ्ते के लिए सस्पेंड किया गया है। राज्यसभा सदस्यों ने निलंबन के विरोध में धरने पर बैठ गए। कांग्रेस पार्टी के 3,टीएमसी के 2, सीपीआईएम के 2 और आम आदमी पार्टी के 1 सदस्य को सभापति ने 1 हफ्ते के लिए सस्पेंड किया था। जिसके बाद यह सदस्य सदन में गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। यह धरना सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि आज रात को भी चला। रात भर यह सदस्य खुले मैदान में सोते रहे और उन्होंने अपना धरना नहीं छोड़ा। आज सुबह ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी ने इन सदस्यों से मुलाकात की और अपने घर से चाय बना कर लाएं और इनको चाय और स्नैक्स दिया।

पीएम ने सराहा

आपको बता दें कि जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी को खबर मिली कि सदन के उपसभापति हरिवंश जी ने इन सदस्यों से मुलाकात की और अपने घर से चाय बना लाकर इनको पिलाई। तुरंत ही प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर हरिवंश जी की तारीफ की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी।आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने श्री हरिवंश जी ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है।

यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए। लेकिन आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को सवेरे-सवेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई।

 

आपको बता दें कि इसके साथ ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र लिखा और उनके साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में 1 दिन धरना देने की मांग की। इस पर भी प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि “माननीय राष्ट्रपति जी को माननीय हरिवंश जी ने जो पत्र लिखा, उसे मैंने पढ़ा। पत्र के एक-एक शब्द ने लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था को नया विश्वास दिया है। यह पत्र प्रेरक भी है और प्रशंसनीय भी। इसमें सच्चाई भी है और संवेदनाएं भी। मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इसे जरूर पढ़ें।”

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