बंगाल में अब दो महीने बाद विधानसभा का चुनाव है और इस बार का चुनाव बहुत ही बड़ा चुनाव होने वाला है। आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने एक सभा में ऐलान कर दिया था कि वह नंदीग्राम से भी चुनाव लड़ना चाहती हैं। फिर उसके बाद टीएमसी से बीजेपी में आए शुभेंदु अधिकारियों जोकि यहां के बड़े नेता हैं ,उन्होंने कहा था वह ममता को यहां पर 50,000 से अधिक वोटों से पराजित करेगें। अगर ऐसा नहीं होता है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। जन की बात की पूरी टीम भी अपने संस्थापक प्रदीप भंडारी के साथ जमीन पर उतर चुकी है और प्रदीप भंडारी ने भी अपनी बंगाल की चुनाव यात्रा शुरू कर दी है। प्रदीप भंडारी ने अपने बंगाल के चुनावी यात्रा को शुरू करने के लिए नंदीग्राम चुना। नंदीग्राम हाई प्रोफाइल सीट हो चुकी है और प्रदीप भंडारी यहीं पर जनता के बीच पहुंचे और यहां की चुनावी बिसात को समझने का प्रयास किया। प्रदीप भंडारी ने नंदीग्राम में एक चौपाल भी किया, जहां पर उन्होंने जनता से जानने की कोशिश की कि जनता का मत क्या है? इस दौरान उन्होंने कई लोगों से बातचीत किया। इस दौरान सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि प्रदीप भंडारी ने जिन जिन लोगों से बात किया उसमें लगभग अधिकतर लोग यहां पर परिवर्तन चाहते हैं। प्रदीप भंडारी ने बताया कि जब लोकसभा चुनाव था और बीजेपी 18 सीटें जीती थी, उस समय भी नंदीग्राम की इस सीट पर टीएमसी 60 हजार वोटों से आगे थी। लेकिन चौपाल के दौरान जनता का रवैया इस बार कुछ अलग ही लगा। जनता ने बोला कि वह परिवर्तन चाहते हैं।
इसके साथ ही प्रदीप भंडारी ने बताया और वीडियो में दिखा भी कि जैसे ही वह लोगों से बात करने को जाते हैं ज्यादातर लोग घबरा जाते थे। इसी बीच एक बुजुर्ग आदमी ने लाइव चौपाल के दौरान ममता बनर्जी पर हेल्थ सिस्टम में गड़बड़ी को लेकर आरोप लगा दिया। उस व्यक्ति ने कहा कि जब कार्ड लेकर अस्पताल में जाओ तो फेंक देते हैं। इसके साथ ही उसने कहा कि ममता बनर्जी का घर कहां है, वह कालीघाट में रहती है ना, तो वहां से लड़े, वहां के लोगों से मिले। यानी कि उनके कहने का मतलब था कि वह किसी लोकल व्यक्ति को ही चाहते हैं। इसके साथ ही उस व्यक्ति ने कहा कि 19 में राम आया लेकिन अगर ममता रह गई तो उन 26 में वाम आ जाएगा और वह ऐसा नहीं चाहते हैं।
इसके बाद प्रदीप भंडारी ने और लोगों से भी बात करने की कोशिश की ,लेकिन लोग कैमरे पर आने से घबरा रहे थे। प्रदीप भंडारी ने समझाया कि यह जो तरीका है, यह मैंने त्रिपुरा चुनाव के दौरान भी देखा था और यह दर्शाता है कि यहां पर कुछ बड़ा होने वाला है। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम का चुनाव 2007 ,2011, 2016 जैसा ममता बनर्जी के लिए नहीं रहने वाला है। यहां पर कांटे की लड़ाई होने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने झंडो को भी दिखाया। दोनों पार्टियों के झंडे बराबर जगहों पर लगे हुए थे, इसका मतलब है कि चुनाव कांटे का होगा।