पश्चिम बंगाल समेत पांच चुनावी राज्यों में अगले 66 दिनों में मुख्यमंत्री तय हो जाएगा। आपको बता दें कि कल ही चुनाव आयोग ने तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरला , पांडिचेरी और असम राज्यों के लिए चुनावी तारीखों की घोषणा की। तमिलनाडु, केरला, पांडिचेरी में 1 चरणों में, असम में तीन चरण में और पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव होंगे। आपको बता दें कि जैसे तारीखों का ऐलान हुआ तुरंत बंगाल को लेकर “लुटियंस लॉबी” ने ट्विटर पर हंगामा मचा दिया कि पश्चिम बंगाल में आठ चरण में क्यों? जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने अपने विश्लेषण के माध्यम से बताया कि पश्चिम बंगाल में आठ चरण में चुनाव क्यों हो रहे हैं?
प्रदीप भंडारी ने कहा कि क्या यह लुटियंस लॉबी यह नहीं मानती कि बंगाल में चुनाव के समय हिंसा होती है? वहां पर राजनीतिक भेदभाव होता है? पंचायत चुनाव को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट ने टिप्पणी कर दी थी। साथ ही साथ बंगाल में विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं की भी हत्या हुई हैं और इसीलिए इन सब को ध्यान में रखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जितनी भी सुरक्षा बलों की डेप्लॉयमेंट करनी होगी हम करेंगे। पश्चिम बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर की स्तिथि बहुत खराब है और इसलिए चुनाव आयोग ने फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराने के लिए वहां पर 8 चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया।
इसके साथ ही प्रदीप भंडारी ने ममता बनर्जी के ट्वीट पर भी बोला और कहा कि ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि साउथ परगना में इलेक्शंस क्यों मल्टी फेस में किए जा रहे हैं जबकि मेदिनीपुर ,हावड़ा में डिवाइडेड है। ममता बनर्जी की बॉडी लैंग्वेज ही बता रही थी उनके लिए यह चुनाव 2011,2016 का चुनाव नहीं है और अगर वो जीत को लेकर कॉन्फिडेंट है तो उनको क्या दिक्कत है। इसके साथ ही प्रदीप भंडारी ने कहा कि आज से ही सभी चुनावी राज्यों में आचार संहिता लागू हो जाएगी पर चुनाव आयोग ने एक अच्छी चीज की है कि जिन भी उम्मीदवार के ऊपर क्रिमिनल रिकॉर्ड दर्ज हैं उन्हें मीडिया में प्रचारित करना पड़ेगा और जनता को बताना पड़ेगा।
प्रदीप भंडारी ने बताया कि बंगाल चुनाव राष्ट्रीय चुनाव की दिशा को तय करेगा। प्रदीप भंडारी ने कहा कि अगर बंगाल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत होती है तो बीजेपी पिछले 30 से 35 साल की सबसे बड़ी और ताकतवर पार्टी बनकर उभरेगी और राष्ट्रीय परिदृश्य में भी बीजेपी काफी मजबूत हो जाएगी। वहीं पर अगर ममता बनर्जी चुनाव जीतती हैं तो ममता बनर्जी विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के रूप में उतरेंगी। उन्होंने पहले भी ऐसे कई बयान दिए है जिससे उनकी महत्वाकांक्षा दिल्ली आने की दिखती है।
प्रदीप भंडारी ने बताया कि बंगाल चुनाव पर ही ज्यादा फोकस रहेगा लोगों का लेकिन असम भी काफी महत्त्वपूर्ण है और वहां पर हेमंत विश्व शर्मा के लिए काफी महत्वपूर्ण चुनाव है। वहां पर बीजेपी की जीत हेमंत विश्व शर्मा के लिए आगे के रास्ते खोलेगी और उनको दिल्ली में भी बड़ी पोजीशन मिल सकती है और उनके लिए मुख्यमंत्री पद का भी दरवाजा खुल सकता है। इसके साथ ही तमिलनाडु में लड़ाई एकतरफा नहीं है और केरला में बीजेपी के लिए कुछ नहीं है। लेकिन इस बार केरला के वोटिंग प्रतिशत को भी देखना होगा। पांडिचेरी में कांग्रेस की सरकार गिर गई है लेकिन चुनाव बाद देखना होगा कि जनता किसे चुनती है।