Voice Of The People

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजनीति के साथ तो वहीं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जनता और लोकतंत्र के साथ खड़े नज़र आएं

प्रधानमंत्री मोदी कल साइक्लोन प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद रिव्यू मीटिंग करने बंगाल व उड़ीसा पहुंचे थे। इस दौरान बंगाल की एक घटना ने लोकतंत्र को शर्मसार किया। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी बंगाल में साइक्लोन प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे करने के बाद रिव्यू मीटिंग करने पहुंचे। वहां पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल को भी आमंत्रित किया गया था। साथ ही साथ विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को भी आमंत्रित किया गया था। हालांकि इस मीटिंग में पीएम और राज्यपाल बैठे हुए थे। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वहां पर करीब आधे घंटे की देरी के बाद पहुंची। इसके बाद भी सीएम मीटिंग में कुछ देर ही बैठी रही और उसके बाद केंद्र सरकार के अधिकारियों को नुकसान का ब्योरा दे कर चली गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीटिंग में 30 मिनट लेट पहुंचने के बाद केंद्र सरकार के अधिकारियों को करीब ₹20 हजार करोड़ के नुकसान का ब्यौरा देती हैं और उसके बाद वहां से चली जाती हैं।

इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि “टकराव का ये रुख लोकतंत्र के हित में नहीं है। सीएम और अधिकारियों द्वारा गैर-भागीदारी संवैधानिकता या कानून के शासन के अनुरूप नहीं है।”

वहीं इस घटना पर ममता बनर्जी का भी बयान आया और उन्होंने कहा कि “उन्हें अन्य बैठकों में भी हिस्सा लेना था और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को जमीनी स्थिति से अवगत करा दिया। साथ ही साथ राहत पैकेज की भी मांग की गई।” हालांकि ममता बनर्जी के इस व्यवहार की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी निंदा की।

 

वहीं पर दूसरी और कल ही प्रधानमंत्री मोदी ओडिशा का भी एरियल सर्वे करने पहुंचे थे और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी उनके साथ थे। इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हर वक्त प्रधानमंत्री मोदी के साथ थे और रिव्यू मीटिंग में भी हिस्सा लिया। साथ ही साथ एक ट्वीट से उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सबका दिल जीत लिया। नवीन पटनायक ने ट्वीट कर लिखा कि, “देश में कोविड-19 महामारी चरम पर है, ऐसे में हमने केंद्र पर अतिरिक्त बोझ डालते हुए तत्काल आर्थिक मदद की मांग नहीं रखी है। उन्होंने आगे लिखा, ‘हम संकट से निपटने के लिए अपने संसाधनों से इसका प्रबंधन करेंगे।”

 

ओडिशा के सीएम ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “यास से प्रभावित इलाकों में पुनर्वास कार्य के लिए 500 करोड़ की सहायता देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूं। साथ ही आपदा प्रतिरोधी पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उठाए गए कदम प्रशंसनीय हैं। हम दीर्घकालिक रणनीति पर काम करेंगे। वहीं पर पीएम मोदी भी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के मुरीद हो गए। पीएम मोदी ने ट्विट कर लिखा कि, “भुवनेश्वर में आपके साथ काफी अच्छी मीटिंग हुई थी। हम आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए साथ-साथ काम करते रहेंगे। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां ओडिशा ने प्रशंसनीय प्रगति की है।”

अगर हम मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के व्यवहार की तुलना करें तो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का व्यवहार जनता के लिए और लोकतंत्र के लिए काफी अच्छा था। जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का व्यवहार लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं था।

SHARE

Must Read

Latest