हर्षित शर्मा, जन की बात
विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। भारत में दुनिया के सभी धर्म के लोग होने के बावजूद भारत का एक सफलतम लोकतंत्र होना ही भारत की व्यापक धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था का प्रमाण है। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ होता है प्रत्येक धर्म के व्यक्ति को उसके धर्म का स्वतंत्र और ऐच्छिक रूप से निर्वाहन करने की आजादी देना और भारत में ये व्यवस्था संविधान के मूल रूप में स्थित है। परंतु जिस प्रकार पराकाष्ठा पर पहुंचने से अधिक पराकाष्ठा पर बने रहता होता है उसी प्रकार भारत की कानून व्यवस्था के समक्ष भी धर्मनिरपेक्षता की व्यवस्था को बनाए रखने की चुनौती आती रहती है। इस संदर्भ में एक मामला दिल्ली के निकट स्थित गुरुग्राम में सामने आया। दरअसल गुरुग्राम के सेक्टर 47 से एक विडियो सामने आया जिसमे पुलिस ने सार्वजनिक स्थान में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे व्यक्ति को डिटेन किया, इसपर स्थानीय लोगो ने शिकायत करी की उसी क्षेत्र में कुछ लोगो ने सार्वजनिक स्थान पर नमाज का पाठ करते हैं तो पुलिस शिकायत किए जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं करती।
जनता का मुकदमा के आज के एपिसोड में जनता के वकील प्रदीप भंडारी ने इस मुद्दे को उठाया। एपिसोड के आरंभ में प्रदीप भंडारी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और गुरुग्राम पुलिस और प्रशासन के दोहरे मापदंड वाले व्यवहार पर सवाल उठाया की अगर सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने का अधिकार है तो सार्वजनिक स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने पर गिरफ्तारी क्यों? प्रदीप भंडारी ने सवाल उठाया की गुरुग्राम पुलिस के इस तरह के व्यवहार से देश की धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था पर संकट है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 14 प्रत्येक व्यक्ति को समानता का अधिकार देता है और देश की कानून व्यवस्था का ये कर्तव्य है की प्रत्येक नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा करे। इसपर आपकी क्या प्रतिक्रिया है , आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
'जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।'
Why does Pradeep Bhandari start his DALEEL on #GurugramNamazSpots debate by reciting lines of Hanuman Chalisa? Watch this clip from #JantaKaMukadma to find out : @pradip103@JMukadma@IndiaNews_itv pic.twitter.com/xjE95OmDxL— Jan Ki Baat (@jankibaat1) September 30, 2021