हर्षित शर्मा ,जन की बात
करोड़ों हिंदुओं की इष्टदेव भगवान श्री कृष्ण का एक नाम रणछोड़ भी है क्योंकि इसके पीछे उनकी रण छोड़कर युद्ध जीतने की कला का व्याख्यान है। परंतु जो व्यक्ति युद्ध जीतने के प्रयास में नहीं अपितु खुद को बचाने के प्रयास में रण छोड़कर भागता है उसे भगोड़ा कहा जाता है। भारत में आप सब विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को जानते है , इस सूची में अब एक और नाम जुड़ गया है।मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आज देश से फरार होने की खबर सामने आई। परमबीर सिंह मुंबई के बार वसूली कांड मामले में मुख्य आरोपी थे। आपको बता दें कि फरवरी और मार्च के महीने में परमबीर सिंह सुर्खियों में आए जब मुंबई पुलिस के ही एक अन्य अधिकारी सचिन बाजे पर एनआईए ने सवाल उठाए। कुछ ही दिनों बाद महाराष्ट्र सरकार द्वारा परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया। तबादला किए जाने के दो दिनों बाद ही परमबीर सिंह ने एक पत्र लिखते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की मांग करने का जघन्य आरोप लगाया।
उसके बाद जब जांच शुरू हुई तो एनआईए की एक चार्जशीट में परमबीर सिंह का नाम आया और उन पर आईपीसी की अनेक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
निश्चित तौर पर परमबीर सिंह ने देश छोड़ने का यह फैसला अपनी जान बचाने के लिए लिया है लेकिन सवाल यह भी है कि इस अपराधी को छाया देने वाला पेड़ कौन सा है ? भला किसकी छत्रछाया में परमबीर सिंह देश छोड़कर भागे हैं?
जनता का मुकदमा के आज के एपिसोड में जनता के वकील प्रदीप भंडारी ने इसी मुद्दे को उठाया और विभिन्न अतिथियों को आमंत्रित किया। एनसीपी की ओर से पक्ष रखने आए एनसीपी के नेता संजय टटकारे । जब प्रदीप भंडारी ने संजय टटकारे से महाराष्ट्र कानून व्यवस्था को लेकर सवाल किए और उनसे पूछा कि आखिर परमबीर सिंह महाराष्ट्र से कैसे फरार हो गए? तो संजय टटकारे बौखला गए और प्रदीप भंडारी पर व्यक्तिगत तंज कसने लगे प्रदीप भंडारी ने लगातार तीखे सवालों का सिलसिला जारी रखा तो संजय तत्कारे बहस को बीच में छोड़कर ही भाग खड़े हुए। आज का पूरा एपिसोड देखने के लिए आप inkhabar के यूट्यूब चैनल पर जा सकते हैं।