झारखंड के जामताड़ा में जनता का मुकदमा शो के होस्ट प्रदीप भंडारी की मुहिम का बड़ा असर, सरकारी स्कूलों से हटाए गए उर्दू शब्द. दरअसल, झारखंड के जामताड़ा में करीब सौ सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां पर मुस्लिम आबादी अधिक होने की वजह से सरकारी स्कूलों के नाम बदलकर उर्दू विश्वविद्यालय कर दिया गया और साप्ताहिक अवकाश रविवार से बदलकर शुक्रवार कर दिया गया है.
आपको बता दें कि कल इसी मुद्दे को लेकर प्रदीप भंडारी ने जनता का मुकदमा पर झारखंड सरकार से स्कूलों का नाम बदलकर उर्दू शब्द को जबरदस्ती जोड़ने पर कई सवाल किए थे.
Big impact of #JharkhandRow debate on @pradip103's show @JMukadma on @IndiaNews_itv :
'Urdu' removed from names of Government schools in Jamtara, #Jharkhand.
Pradeep Bhandari highlighted how the word URDU was forcefully added to names of primary govt schools. pic.twitter.com/Xnc9jbN1Lr
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 13, 2022
प्रदीप भंडारी ने सबसे पहले उठाई थी आवाज
कल अपने शो में प्रदीप भंडारी ने कहा था कि, इस देश में तुष्टीकरण की राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि तुष्टीकरण की राजनीति असंवैधानिक है. हेमंत सोरेन जी आप भी इस बात को समझ लीजिए, और साथ ही आपकी सरकार के हर नेता को यह बात समझ लेनी चाहिए. दुख की बात यह है कि झारखंड में पूरी तरह ग्राउंड पर तुष्टीकरण की राजनीति चलती हुई दिख रही है. झारखंड में सरकारी स्कूलों को उर्दू स्कूल में परिवर्तित करने का एक पूरा माफिया चल रहा है. यह सिर्फ जामताड़ा और गढ़वा में नहीं बल्कि इसकी खबरें और जमीनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खुद की विधानसभा से भी आ रही है.
Pradeep Bhandari questions the inaction by Hemant Soren govt in Jharkhand despite repeated instances of appeasement. Is appeasement a policy tool for the ' SECULAR' govt in #Jharkhand?
Watch this clip from @JMukadma on @IndiaNews_itv.@pradip103 #JharkhandRow pic.twitter.com/Vp3uqgRYQ1
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) July 12, 2022
मतलब साफ है अगर इनकी आबादी ज्यादा तो इनकी मनमानी भी ज्यादा वाले मकसद से इनका पूरा गिरोह काम कर रहा है. संविधान में तो लिखा है देश के सारे सरकारी स्कूल संविधान के हिसाब से चलेंगे और स्कूल के नियमों के तहत चलेंगे. स्कूल प्रशासन के साथ जबरदस्ती की और कहा गया स्कूल में प्रार्थना करने का नियम बदला जाए. रविवार को स्कूलों में छुट्टी दी जाती है लेकिन यहां पर मुसलमानों की आबादी ज्यादा है तो शुक्रवार को छुट्टी दी जाए. मतलब अब बाकी लोगों को भी सरिया वाला कानून मानना पड़ेगा.
दुख की बात यह है कि सब नेता छद्म धर्मनिरपेक्ष राजनीति करते हैं और संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देते हैं. लेकिन इसके पीछे यह लोग सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. इस बात को बाबासाहेब आंबेडकर ने भी कहा था तभी संविधान बना था.
Big impact of yesterday's #JharkhandRow debate on JANTA KA MUKADMA on INDIA NEWS: 'Urdu' removed from names of Govt schools in Jamtara, Jharkhand. We had highlighted how the word URDU was forcefully added to names of primary govt schools. Thanku for always supporting the truth.
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) July 13, 2022