यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने में मात्र 24 घंटे बाकी हैं। लेकिन अब तक विदेशों और देश के अन्य राज्यों से यूपी को 14 हजार MoU साइन हो चुके हैं, जिसके जरिए 22 लाख करोड़ के प्रस्ताव यूपी को मिल चुका है। इन प्रस्तावों पर अमल होने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 2 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के मौके मुहैया होंगे। इन्वेस्टर समिट के आयोजन के दौरान और इसके बाद में और भी इन्वेस्टमेंट की संभावनाएं हैं.
छोटे निवेशक देंगे ज्यादा रोजगार
दिलचस्प बात ये भी है कि जहां एक ओर अडानी, अंबानी, बिड़ला जैसे बड़े उद्योगपति प्रदेश में निवेश के लिए अपना रोडमैप तैयार कर रहे हैं। तो वहीं छोटे उद्योगपति भी बड़ी संख्या में निवेश के लिए प्रदेश में आ रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार करीब 12 हजार निवेशक ऐसे हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में 50 करोड़ रुपए तक का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है या फिर एमओयू साइन किया है। इन निवेशकों के माध्यम से प्रदेश में 1.20 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश आने की संभावना है। ये छोटे निवेशक प्रदेश में सबसे ज्यादा रोजगार सृजित करेंगे। ये निवेश यदि धरातल पर उतरा तो प्रदेश में 1.30 करोड प्रत्यक्ष या परोक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
1500 निवेशक 50 से 500 करोड़ के बीच कर सकते हैं निवेश
50 करोड़ से 200 करोड़ का निवेश करने वाले 1000 से अधिक छोटे उद्यमियों द्वारा किए गए एमओयू से करीब एक लाख करोड़ का निवेश हो सकता है। इसके जरिए 20 लाख से अधिक प्रत्यक्ष या परोक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसी तरह, 200 करोड़ से 500 करोड़ के बीच निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या 400 से अधिक है। इनके जरिए 1.10 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश व साढ़े चार लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सृजित हो सकेंगे।