कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लगते जा रहे हैं। 8 अप्रैल को बीजेपी के केंद्रीय मुख्यालय में प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी के परपोते सी.आर. केसवन ने बीजेपी ज्वॉइन किया। यानी पिछले तीन दिनों से लगातार कांग्रेस का तीसरा विकेट गिरा।
बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही सी. आर. केसवन ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए अपने त्यागपत्र में लिखा था कि मैं अब अपने विवेक से यह नहीं कह सकता कि पार्टी वर्तमान में जिन प्रतीकों और मुद्दों के साथ है, उससे मैं सहमत हूं। यही कारण है कि मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठनात्मक जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था और भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से भी परहेज किया था।
कांग्रेस से इस्तीफे के बाद मीडिया से बात करते हुए सीआर केसवन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझे पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस पर कोई टिप्पणी करनी चाहिए। मैं कांग्रेस में चल रही राजनीति में सहज महसूस नहीं कर रहा था। ऐसे में पार्टी को छोड़ना ही सही था, जो मैंने आज कर दिया। केसवन ने कहा कि जब द्रौपदी मुर्मू जी के नाम का एलान किया गया था, तब एक वरिष्ठ कमेटी सदस्य ने कहा था कि वह दुष्ट दर्शन का प्रतिनिधित्व करती हैं। एक अन्य नेता ने कहा था कि किसी भी देश को ऐसा राष्ट्रपति नहीं मिलना चाहिए।