कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जन की बात के संस्थापक प्रदीप भंडारी ने कर्नाटक चुनाव का दूसरा पोल आज Asianet Suvarna पर प्रस्तुत किया।
जन की बात के ओपिनियन पोल के हिसाब से हम आपको बताएंगे की किया तटीय कर्नाटक में कांग्रेस दे पा रही है बीजेपी को टक्कर।
आपको बता दे की तटीय कर्नाटक को भाजपा का गढ़ माना जाता है।दरअसल इस इलाके में बीजेपी की पकड़ काफी मजबूत रही है। कई प्रयासो के बावजूद कांग्रेस यहं पर सेंध नहीं लगा पाई है। प्रदीप भंडारी अपने पोल में बताया की कोस्टल कर्नाटका क्षेत्र हिंदुत्व की राजनीति के लिए जाना जाता है। यदि भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह सत्ता में वापस आए, तो उसे इस बेल्ट में 60-70 प्रतिशत सीटें प्राप्त करनी होंगी, जिसमें दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ शामिल हैं। इस जिले में पिछले चुनाव में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रांड छवि के कारण भाजपा आठ में से सात सीटें जीत सकी। अगर बीजेपी को अपना प्रदर्शन दोहराना है तो उसे इस बार भी ध्यान देना होगा।
तटीय कर्नाटक में हिदुत्व एक बहुत बड़ा मुद्दा रहा है इसलिए यह पर मोदी फैक्टर कमाल कर सकता है। लेकिन इन सबसे ऊपर, क्या मोदी फैक्टर सुनिश्चित कर सकता है कि बीजेपी को इन तीन जिलों में 70% से अधिक सीटें मिलें? अगर ऐसा होता है तो बीजेपी कांग्रेस को चौंका सकती है।
आपको बता दें कि, हिजाब और हलाल विवाद उडुपी जिले से ही शुरू हुआ था, जिसने राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया था। इसलिए धार्मिक भावना के लिए यह इलाका कितना संवेदनशील है, यह समझा जा सकता है।
तटीय कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिले शामिल हैं। तीनों जिलों में 19 विधानसभा सीटें हैं। वर्तमान में भाजपा के पास 17, जबकि कांग्रेस के पास केवल दो सीटें हैं।
जन की बात के दूसरे पोल के आंकड़ों के मुताबिक भाजपा को 100 से 114 सीटें मिल सकती हैं कांग्रेस को 86 से 98 सीटें मिल सकती हैं। अगर जेडीएस की बात करें तो यह 20 से 26 सीटों पर सिमट सकती है। मालूम हो कि कर्नाटक में विधानसभा की कुल 224 सीटें हैं। इससे पहले 14 अप्रैल को प्रदीप भंडारी ने Asianet Suvarna News पर अपना पहला ओपिनियन पोल प्रस्तुत किया था।