चुनाव आयोग के अनुसार इस साल कर्नाटक में पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 9.85 लाख है। कर्नाटक में कुल मतदाताओं की संख्या 5.24 करोड़ है. इनमें से 12.15 लाख मतदाता 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं और 16,976 सौ वर्ष व उससे ऊपर के हैं।
प्रदीप भंडारी ने एक्जिट पोल में बताया कि चुनाव परिणाम में जेडीएस को 14% -17%, भारतीय जनता पार्टी को 37.5% -39% , कांग्रेस को 38%-40% और अन्य को 8.5%-6% वोट प्रतिशत आएंगे।
उन्होंने बताया कि कर्नाटक में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां पहली बार मतदाताओं के समर्थन को मजबूत करने और अपनी पार्टी की तरफ़ खिंचेने का प्रयास किया है, इसलिए पीछले बार के मुकाबले इस बार वोट प्रतिशत में भारी फेरबदल होगा।
उन्होंने ये भी बताया कि दोनों ही पार्टियों द्वारा ग्राउंड जीरो पर स्तर पर महिला मोर्चा भी पुरी तरह से एक्टिव रही । ये महीला ग्रुप सेल्फ हेल्प ग्रुप, मंदिर कमिटी, अलग अलग प्रफेशनल, होम मेकर सभी से मिल रही है। हर बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक महिलाओं की मीटिंग आयोजित की जा रही है।
और इस हर एक प्रचार प्रसार में मुख्य रुप से युवतियों को जोड़ा जा रहा है। लिंगायत समाज को लेकर खबरें तो बहुत आईं लेकीन बीजेपी को इससे नुकसान नहीं हो रहा है।
चुनाव से पहले पीएम मोदी ने कर्नाटक के मतदाताओं को रैली और रोड शो के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा था कि बीजेपी पार्टी अगले 25 वर्षों में राज्य के विकास का नेतृत्व करने के लिए कर्नाटक में एक विकास की रोड मैप तैयार कर रही है, प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी अपने शासन के पांच वर्षों के बारे में नहीं बल्कि देश के बारे में सोचती है।