केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश के जरिये अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को दिए गए हैं।
दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा।
दिल्ली के लिए नया अध्यादेश पारित किया है। दिल्ली में अब ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजलेंस के काम के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी गठित कर दी गई है। अब दिल्ली सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए फैसला प्राधिकरण द्वारा लिया जाएगा।
केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तंज कसते हुए AAP मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लाई है, ये सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की अवमानना है। मोदी सरकार, केजरीवाल सरकार को शक्ति देने के डर से ये अध्यादेश लाई है। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने चुना हो, 90% से ज्यादा सीट दी हो। लेकिन दिल्ली केजरीवाल नहीं चलाएंगे, केंद्र ही दिल्ली सरकार चलाएगी।
वहीं उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के अधिकार को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने का बीजेपी ने स्वागत किया है। उसका कहना है कि आम आदमी पार्टी के आचरण को देखते हुए यह अध्यादेश जरूरी था। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। यहां घटने वाली घटना भारत के साथ पूरे विश्व पर असर डालती है।