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आत्मनिर्भर भारत की पूरी अवधारणा सशक्त है: पढ़िए KOO के फाउंडर अपरिमेय राधाकृष्णन ने प्रदीप भंडारी के साथ इंटरव्यू में क्या कहा?

यूट्यूब पर आज 8 जून को प्रदीप भंडारी के शो का एक और एपिसोड रिलीज हो गया है, इस एपिसोड में प्रदीप भंडारी भारत के दो स्टार्टअप महारथियों से उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं और उनमे से एक हैं भारत के सोशल मीडिया एप्प KOO के संस्थापक अपरिमेय राधाकृष्णन. अपरिमेय ने प्रदीप भंडारी से बातचीत में स्टार्टअप के कई पहलु पर बात की, उन्होंने अपने सक्सेस मंत्र में बताया की रोज खुद को 1% बेहतर कीजिये जो की कंपाउंड में बढ़ता जायेगा.

आइये जानते हैं KOO के फाउंडर ने इस बातचीत में और क्या क्या कहा…

अपने शुरूआती दिनों की बात करते हुए अपरिमेय ने बताया की ‘हमने कोविड से ठीक पहले मार्च 2020 में शुरुआत की थी और हमने कभी नहीं सोचा था कि हम सुर्खियों में आ जाएंगे। कई चीजों ने हमारे लिए अच्छा काम किया है। अन्य सोशल मीडिया ऐप्स को एक साथ आने के लिए बहुत अधिक गंभीरता की आवश्यकता होती है, लेकिन यह स्वाभाविक रूप से हमारे पास आया है। हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हम सही समय पर सही जगह पर हैं। अब जब भारतीय तकनीक आ रही है, मुझे लगता है कि भारत से आगे जाना एक अच्छा निर्णय था। हमें ब्राजील से बहुत प्यार मिला है। हम दूसरे देशों में भी बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं’

उन्होंने कहा ‘कू में आपको विविध भाषाएं मिलती हैं। फेसबुक केवल परिवार और दोस्त हैं। व्हाट्सएप भी परिवार और दोस्त के लिए है। कू ही एक ऐसी जगह है जहां बड़ी संख्या में अंग्रेजी न बोलने वाले सामने आते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं।’

KOO संस्थापक ने बैंगलोर के बारे में बात करते हुए कहा ‘मुझे लगता है कि बैंगलोर एक शहर के रूप में हमेशा नई शुरुआत का शहर रहा है। यहां से इसरो की शुरुआत हुई। बैंगलोर नए लोगों और नई संस्कृति का स्वागत करने के लिए खुला है। यहां सब खुले हैं। ऐप्स पर शिफ्ट होने वाला मुंबई आखिरी शहर था। लेकिन पहले बैंगलोर शिफ्ट हो गया। बैंगलोर हमेशा नए आइडिया, नई इनोवेशन तकनीकों की तलाश में रहता है। संस्कृति प्रकृति में बहुत मूलभूत है।’

आगे अपनी सक्सेस पर बात करते हुए उन्होंने कहा ‘इसके लिए जुनून की जरूरत है। जब आप कुछ शुरू करना चाहते हैं, तो यह मायने नहीं रखता कि आपने कितना पैसा कमाया है, बल्कि यह है कि आपने कितने लोगों के जीवन को छुआ है। एक ईमानदार कारण से शुरू होना चाहिए। सिर्फ इसलिए कि आप किसी चीज के लिए जुनूनी हैं इसका मतलब यह नहीं है कि आप बिना लक्ष्य के काम करते हैं। प्रयास जारी रखें’

आगे उन्होंने कहा की ‘आत्मनिर्भर भारत की पूरी अवधारणा सशक्त है। भारत दुनिया की समस्याओं का समाधान कर रहा है। मुझे लगता है कि पूरा निष्पादन प्रसिद्ध रहा है। आगे बढ़ने के लिए प्रौद्योगिकी का त्वरण उतना ही महत्वपूर्ण है. अगले 25 वर्षों में, जब भारत के स्वतंत्र राष्ट्र होने के 100 वर्ष हो जाएंगे, स्टार्टअप्स के लिए न जाने कितने लोग भारत आएंगे, अमेरिकी या दक्षिण पूर्व के दोस्त आ सकते हैं, क्योंकि भारत के चारों ओर एक वैश्विक उत्साह है।’

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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