केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को तूफान ‘बिपरजॉय’ के लिए तैयारी पर एक समीक्षा बैठक की। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उन जिलों के संसदीय सदस्य भी इस बैठक में वर्चुअल रूप से भाग लिया जिन इलाकों पर तूफान का बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने सुरक्षा में लगे सभी अधिकारियों को शख्त निर्देश दिया है कि कोई भी कसर नहीं रहनी चाहिए। अपनी चुनौती को पुरी जिम्मेदारी से निभाएं।
गुजरात के द्वारका में गोमती घाट पर चक्रवात ‘बिपरजोय’ का प्रभाव देखने को मिल रहा है। ज्वार की लहरें समुद्र में ऊंची उठ रही हैं। वहीं, कच्छ के कांडला पोर्ट पर चक्रवाती तूफान बिपरजोय को लेकर खास तैयारियां की गई हैं।
पश्चिम रेलवे के CPRO सुमित ठाकुर ने बताया कि 69 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, 32 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है जबकि 26 ट्रेनों को यात्रियों की सुरक्षा और चक्रवात बिपरजोय की शुरुआत के संबंध में ट्रेन संचालन के मद्देनजर एहतियाती उपाय के रूप में शॉर्ट-ऑरजिनेट किया जाएगा।
दिल्ली NDRF के डीआईजी मोहसिन शाहिदी ने कहा कि जिन इलाकों में ज्यादा क्षति होने की आशंका है। वहां से लोगों को हटाया जा रहा है, अब तक 28 हजार लोगों को हटाया जा चुका है। हमने NDRF की 17 व SDRF की 13 टीमें तैनात की है। इसके अलावा हमने और 15 टीमों को आरक्षित रखा है। कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, राजकोट, जुनागढ़ व मोरबी में हमारी टीमें तैनात हैं।
बताते चलें कि बीते सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की थी, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों और गुजरात में होने वाले चक्रवात की तैयारी की समीक्षा की गई थी ताकि आगामी तूफान से उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए उचित कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित स्थानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित तरीके से अपने निवास स्थान से निकाला जाए और विद्युत, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल आदि जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि इन सेवाओं को यदि इन्हें क्षति पहुंचाई जाती है तो तत्काल मदद की जाए ।