बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक 23 जून को खत्म हुई। इस बैठक में 31 से ज्यादा विपक्षी दल के दिग्गज नेता शामिल हुए। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर मैदान में उतरने की साझा रणनीति पर मंथन किया गया। विपक्षी दलों का ये महामंथन करीब 4 घंटे तक चलने के बाद अगले बैठक के वादों के साथ खत्म हुआ।
बिहार की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक में तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा। जो केंद्र में शासन में है वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं,उद्योगपतियों के जेब भरने में लगे हैं। वे देश के सब तरह के इतिहास को बदल रहे हैं। हम सभी विपक्षी पार्टियों ने ये निर्णय लिया है कि हम आगे से सभी एक साथ मिलकर लड़ेंगे। बीजेपी देश का इतिहास बदल रही है। अगर यह देश में फिर से जीत कर आ जाते हैं तो देश का संविधान भी बदल देंगे। इनपर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सभी एक साथ लड़ने के लिए एक एजेंडे पर आने की कोशिश कर रहे हैं। हम अगली बार 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर मिलेंगे। 2024 के लोकसभा चुनावों को एक साथ लड़ने के लिए साझा एजेंडे को अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा और अलग रणनीति तैयार करनी पड़ेगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश बचाने के लिए कांग्रेस बलिदान देने को तैयार है। विपक्ष की बैठक कि बड़ी बात हम सब साथ हैं। बीजेपी और आरएसएस भारत की नींव पर आक्रमण कर रही है। यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं। हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे। यह विपक्षी एकता की प्रक्रिया है जो आगे बढ़ेगी।
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पटना में जो बैठक हुई है वो अच्छी हुई है. हमने तीन चीज पर जोर दिया है- हम लोग एक हैं, हम लोग एक साथ लड़ेंगे, अगली बैठक शिमला में होगी. हम एकजुट हैं, हम एकजुट होकर लड़ेंगे.