बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई। विपक्ष की बैठक सब को एकजुट करने के लिए बुलाई गई थी और उसका नेतृत्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे थे। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, लालू प्रसाद यादव समेत तमाम बड़े नेता इकट्ठे हुए।
वहीं जन की बात के फाउंडर और सीईओ प्रदीप भंडारी ने विपक्षी एकता को लेकर हुई बैठक पर एक ट्विट किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता एक नॉन स्टार्टर है। इसे देखने के बाद सबसे पहले, यह समझ आ रहा है कि इन नेताओं में कोई भी व्यक्तिगत रूप से 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए सक्षम नहीं है। दूसरा यह इस बात की पुष्टि करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और लोगों के साथ उनका जुड़ाव इस समय चरम पर है और यदि ऐसा नहीं होता तो वे 2024 तक उनके खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ क्यों आते?
प्रदीप भंडारी ने लिखा कि एकता तभी संभव है, जब उनके बीच फॉल्ट लाइन मौजूद न हो। प्रदीप भंडारी ने अपने ट्वीट में विपक्ष की कई फॉल्ट लाइन गिनाई।
1- जिस दिन वे पटना में ‘चाय और कॉफी’ पीने के लिए एक साथ आए थे, उसी दिन केरल क्राइम ब्रांच ने भ्रष्टाचार के एक मामले में केरल कांग्रेस अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया।
2- 2019 में सपा-बसपा एक साथ आए, जिसे विपक्षी एकता की सबसे बड़ी परीक्षा बताया गया। परिणाम अपेक्षित था जैसा कि मैंने चुनाव से पहले ही कहा था। बीजेपी ने अपना वोट शेयर बढ़ाया और जमीन पर दोनों (सपा-बसपा) के बीच कोई सीधा वोट ट्रांसफर नहीं हो सका।
3- वहीं विपक्षी एकता के लिए साथ आ रहीं पार्टियों के पास कंप्लीमेंट्री वोट शेयर नहीं है, बल्कि उनके पास विरोधाभासी वोट हैं। AAP – कांग्रेस पंजाब में एक ही तरह के वोट बैंक के लिए लड़ रही हैं। इसी तरह यूपी में कांग्रेस और एसपी, बंगाल में कांग्रेस, लेफ्ट और टीएमसी जबकि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी एक ही वोट बैंक के लिए लड़ रहे हैं। क्या उनके कार्यकर्ता इस कथित एकता को स्वीकार करेंगे?
4- भारत कभी भ्रम में विश्वास नहीं रखता और भारतीय वोटर स्पष्ट फैसला देता है। दिल्ली से लेकर बंगाल और यूपी तक दोनों लोकसभा चुनावों में स्पष्ट और निर्णायक फैसला आया है। विपक्ष की ओर से बिना कोई चेहरा पेश किए उन्हें हमेशा एक भ्रमित गठबंधन के रूप में देखा जाएगा।
प्रदीप भंडारी ने आगे कहा कि एक बार पीएम पद के लिए चुनाव लड़ने के बिहार के मुख्यमंत्री के बचपन के सपने को पूरा करने के अलावा यह गठबंधन और कुछ नहीं करना चाहता है।
Oposition Unity is a non starter& is bound to boomerang. First, it acknowledges that none of them is individually strong enough to take on PM @narendramodi in run up to 2024.
Second, it furthers reinforces that PM Narendra Modi's popularity & his connect with people is at an… pic.twitter.com/o4abrNKGNx— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) June 24, 2023
इस ट्वीट के साथ प्रदीप भंडारी ने एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें अमेरिकी गायिका भारतीय राष्ट्रगान गाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छू रही हैं। प्रदीप भंडारी ने लिखा कि इस वीडियो को देखें और गर्व की भावना महसूस करें क्योंकि हमारे प्रधान मंत्री का विश्व स्तर पर सम्मान हो रहा है। यहां अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन ने राष्ट्र गान गाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के पैर छुए।