एनसीपी की लड़ाई अब दिल्ली पहुंच चुकी है। गुरुवार यानी आज दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के बाद उठा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा। बीते बुधवार को एनसीपी में टूट के बाद बने दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक कर शक्ति प्रदर्शन किया। इसी बीच अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।
बताते चलें कि अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में दावा किया गया है कि वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सूत्रों के मुताबिक बीते 30 जून को एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक बैठक बुलाई थी। ये बैठक बेहद सीक्रेट रखी गई थी। इस बैठक में एक प्रस्ताव रखा गया जिसमें लिखा गया कि आम राय से शरद पवार को हटाकर अजित पवार को एनसीपी का नया अध्यक्ष चुने जाने का फैसला लिया गया है। बैठक में यह प्रस्ताव पास कर दिया गया। इतना ही नहीं अजित गुट ने उसी दिन चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा और पार्टी और चुनाव चिह्न पर दावा ठोक दिया।
बीते बुधवार के शक्ति प्रदर्शन में अजित गुट में कुल 53 में से 32 विधायक शामिल हुए। वहीं शरद पवार गुट की बैठक में 16 विधायक, तीन विधान परिषद सदस्य और चार सांसद शामिल हुए। पार्टी और चुनाव चिह्न पर दावेदारी को लेकर दोनों गुट चुनाव आयोग पहुंचे हैं। अजित गुट ने अपने समर्थन में 40 से अधिक विधायकों व सांसदों के हलफनामे दिए हैं।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है। आपको याद होगा कि शिवसेना वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला यह था कि विधानसभा स्पीकर का निर्णय गैर कानूनी था। हालांकि तब तक सरकार और पार्टी दोनों से उद्धव ठाकरे हाथ धो चुके थे। ऐसे में इस बार भी विधानसभा स्पीकर के पाले में गेंद है। शरद पवार यहां हारते हैं तो सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है।