महाराष्ट्र में सियासी हलचल अभी भी मची हुई है। एनसीपी में बगावत के बाद बुधवार को शरद पवार और अजित पवार के बीच शक्ति प्रदर्शन करते हुए अलग-अलग बैठक की। मुंबई के बांद्रा में हुए बैठक में बोलते हुए अजित पवार ने अपना दर्द बताया तो इच्छा भी जाहिर की। अजित पवार के समर्थन में करीब 32 विधायक पहुंचे तो वहीं शरद पवार के बैठक में करीब 14 विधायक के पहुंचने की खबर है।
अब कांग्रेस के तरफ से भी प्रक्रिया आई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि ये राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मसला है मगर इससे महाविकास अगाडि पर फर्क जरूर पड़ेगा। अब NCP में बंटवारा तो हो गया है चाचा भतीजे में। कल चाचा भतीजे में काफी कड़वाहट देखी गई।
ANI से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि यह जो बात की जा रही है कि पवार साहब ने अनुमति दी थी या नहीं तो मुझे लगता है ऐसा कुछ नहीं है। ये सब रणनीति दिल्ली में तय हुई थी कि अजित पवार को साथ लेना है।
एकनाथ शिंदे के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि एक दो महीने के अंदर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पर फैसला देना होगा। इस फैसले में एकनाथ शिंदे निलंबित हो सकते हैं क्योंकि बचने का कोई रास्ता नहीं है। तो हो सकता है कि जब एकनाथ शिंदे का निलंबन हो जाए तो अजित पवार को जिम्मेदारी दी जा सकती है महाराष्ट्र की।