पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में टीएमसी ने बड़ी जीत हासिल की है। लेकिन हार के बाद भी खुश बीजेपी नजर आ रही है। बीजेपी ने भले ही टीएमसी से कम सीटें जीती हों लेकिन आंकड़े देखें तो 2018 के मुकाबले बीजेपी की सीटें बढ़ गई हैं। बीजेपी का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। 2018 के पंचायत चुनाव में बीजेपी ने ग्राम पंचायत की 5779 सीटें जीती थीं। इस बार के पार्टी 10 हजार से अधिक सीटें जीती है। मतलब आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी इस बार बंगाल पंचायत चुनाव में दोगुना सीटें जीत रही है।
बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट कर बताया कि बीजेपी का प्रदर्शन इतना अच्छा क्यों है और कैसे टीएमसी धीरे-धीरे राज्य में कमजोर होती जा रही है। अमित मालवीय ने कहा, “पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक हिंसा और राज्य प्रायोजित हत्याएं हुईं। क्रूर उत्पीड़न, सत्तारूढ़ टीएमसी, SEC, पुलिस और नागरिक प्रशासन के बीच सक्रिय मिलीभगत के बावजूद, भाजपा ने 2018 की अपनी संख्या को पार कर लिया है और कांग्रेस, वामपंथ, आईएसएफ और अन्य से काफी आगे है। भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है और जल्द ही ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल कर देगी।”
अमित मालवीय ने आगे लिखा, “वास्तव में भाजपा का प्रदर्शन अब तक घोषित प्रदर्शन से कहीं बेहतर है। कई स्थानों पर सत्तारूढ़ टीएमसी के निर्देश पर परिणाम बदल दिए गए हैं, टीएमसी उम्मीदवार को जिताने के लिए भाजपा के पक्ष में वोट को अवैध घोषित कर दिया गया है। भाजपा उम्मीदवार के जीत के प्रमाण पत्र फाड़ दिए गए हैं। कई मतगणना केंद्रों पर टीएमसी विधायकों ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जबरन नतीजे अपने पक्ष में कराए। इन सबको कोर्ट में चुनौती दी जा रही है। लेकिन इस सब में आशा की किरण भाजपा और गांवों के लोगों द्वारा किया गया भारी प्रतिरोध है, जिन्होंने टीएमसी के गुंडों को अपने रास्ते पर चलने से मना कर दिया। इस बार, भाजपा उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के प्रयासों के बावजूद, टीएमसी ने बहुत कम सीटें निर्विरोध जीतीं। टीएमसी ने बूथों पर कब्जा कर लिया, मतदान में धांधली की, मतपेटियां बदल दीं और गिनती को प्रभावित किया, लेकिन फिर भी भाजपा की बढ़त को नहीं रोक सका। यह यहीं नहीं रुकता।”
अमित मालवीय ने कहा कि 100% मुस्लिम आबादी वाले बूथों पर ग्राम पंचायत सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। ये संकेत ममता बनर्जी की टीएमसी के लिए अशुभ हैं। टीएमसी अपराधियों का सिंडिकेट है, कोई राजनीतिक पार्टी नहीं। आने वाले चुनाव में टीएमसी दफन हो जाएगी और इसका श्रेय पूरी तरह से बंगाल की जनता और बीजेपी कार्यकर्ताओं को जाएगा।
West Bengal Panchayat Polls were marred with widespread violence and state sponsored killings. Despite brutal oppression, active collusion between the ruling TMC, SEC, police and civil administration, the BJP has surpassed its 2018 tally and is way ahead of Congress, Left, ISF… pic.twitter.com/M5ue4cvdcp
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 12, 2023
वहीं अमित मालवीय ने एक तस्वीर शेयर की, जिसमें एक बीजेपी कार्यकर्ता जीत के बाद अपने घर आ रहा है और उसका स्वागत आरती के साथ किया जा रहा है। अमित मालवीय ने कहा, “इस पंचायत चुनाव की स्थायी छवि यह थी कि एक सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले भाजपा उम्मीदवार का ग्राम पंचायत चुनाव में शानदार जीत (बूथ में टीएमसी की जमा राशि खो गई) के बाद उसकी मां और बहन ने शंख बजाते हुए उसका घर पर स्वागत किया।”