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E-GAMING पर लगा 28% जीएसटी, क्यों नाराज है इंडस्ट्री? अश्नीर ग्रोवर ने कही ये बात

जीएसटी काउंसिल की 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने का फैसला हुआ है। सरकार के इस कदम के बाद इस गेमिंग इंडस्ट्री के कई दिग्गजों ने इस फैसले के प्रति अपनी तीखी प्रतिक्रिया और अपनी अस्वीकृति दिखाई है। इसी कड़ी में भारतपे के को-फाउंडर और शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज अश्नीर ग्रोवर ने फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की है और ट्वीट के जरिए इस फैसले को आलोचना की है।

अश्नीर ग्रोवर ने दिखाया गुस्सा

भारतपे के को-फाउंडर अश्नीर ग्रोवर ने ऑनलाइन गेमिंग की फुल वैल्यू पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगाने के जीएसटी काउंसिल के फैसले की कड़ी आलोचना की है। इस दौरान वो ये भी कह गए कि इस समय स्टार्टअप फाउंडर्स को राजनीति में सक्रिय रूप से प्रवेश करना होगा और अपने उचित रीप्रेसेंटेशन को सुनिश्चित करना होगा वर्ना सरकार अन्य उद्योगों के साथ भी ऐसा ही करेगी।

अश्नीर ग्रोवर ने अपने ट्वीट में लिखा कि- “RIP- भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री के लिए। अगर सरकार सोच रही है कि लोग 72 रुपये पॉट एंट्री पर खेलने के लिए GST के साथ 100 रुपये लगाएंगे और प्लेटफार्म फीस के बाद अगर 54 रुपये जीतते हैं। तो तो इसके बाद उन्हें 30 फीसदी टीडीएस भी अदा करना होगा। इसके लिए उन्हें पहले मानसून में अपने लिविंग रूम में फ्री स्विमिंग पूल मिलेगा- तो ऐसा नहीं होने जा रहा है।”

इसके आगे उन्होंने लिखा कि “फैंटेसी गेमिंग इंडस्ट्री का हिस्सा बनना मजेदार था, जिसकी अब हत्या हो चुकी है। इस मानसून में 10 अरब डॉलर बर्बाद हो गए हैं। अब समय आ गया है कि स्टार्टअप्स फाउंडर को राजनीति में प्रवेश करना चाहिए और अपना प्रतिनिधित्व दिखाना चाहिए, वर्ना ये उद्योग के बाद उद्योग तक लगातार जारी रहेगा।”

दरअसल अश्नीर ग्रोवर ने हाल ही में अपना फैंटेसी गेमिंग ऐप लॉन्च किया है जिसका नाम क्रिकपे (Crickpe) है। इस गेम में यूजर्स को वर्चुअल टीम बनाने, फॉर्म में चल रहे बेस्ट प्लेयर्स को चुनने, कॉन्टेस्ट को जॉइन करने के अलावा अपने वास्तविक गेम परफॉरमेंस के आधार पर पॉइंट्स को हासिल करने की भी सुविधा मिलती है।

जीएसटी काउंसिल का क्या है फैसला

जीएसटी काउंसिल ने कल फैसला लिया है कि ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो, हॉर्स रेसिंग यानी घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा। इस दर को इन खेलों में लगने वाले दांव की फेस वैल्यू पर लगाया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा धक्का पहुंचेगा जिसमे कि लोग साल 2027 तक 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व को हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठे थे।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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