जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव 2024 के साथ चुनाव होने की संभावना बढ़ गई है। केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों और पीओके प्रवासियों को आरक्षित सीट आवंटित करने के लिए संसद के मानसून सत्र में कानूनी बदलाव करने के लिए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन एक्ट 2019 में संशोधन करने की तैयारी में है।
इस संशोधन के तहत विधानसभा के दो सीटें पलायन कर चुके कश्मीरी पंडितों और एक सीट पाक अधिकृत कश्मीर से विस्थापित हुए लोगों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के चार साल बाद सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। मोदी सरकार संसद में एक नया बिल लाने जा रही है, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में तीन विधानसभा सीटें आरक्षित हो जाएंगी।
जम्मू-कश्मीर में कुल 5 लोकसभा सीटें हैं। अब तक 2 सीटें जम्मू और 3 सीटें कश्मीर में थीं। अब भी 5 ही सीटें रहेंगी, लेकिन एक सीट में जम्मू और कश्मीर दोनों के इलाके शामिल करने की सिफारिश की गई है।
कश्मीरी पंडितों की दो और पीओके से विस्थापित एक सदस्य की सीट इन 90 सीटों से अलग होगी। इस हिसाब से जम्मू-कश्मीर में 93 सीटें हो जाएंगी।
बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा को पिछले साल नवंबर में भंग कर दिया गया था, जिसके महीनों बाद जून में भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी।