अब तक संसद में 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ केवल एक बार अविश्वास प्रस्ताव जुलाई 2018 में आया था। 11 घंटे चली बहस के बाद वोटिंग हुई थी और मोदी सरकार ने आसानी से अपना बहुमत साबित कर दिया था।
मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष जमकर मोदी सरकार को घेर रहा है। इस बीच लोकसभा में विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ बातचीत कर रही है। अब तक संसद में 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ केवल एक बार अविश्वास प्रस्ताव जुलाई 2018 में आया था। 11 घंटे चली बहस के बाद वोटिंग हुई थी और मोदी सरकार ने आसानी से अपना बहुमत साबित कर दिया था।
बताते चलें कि अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है, जब लोकसभा में विपक्ष के किसी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत नहीं है या फिर सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है, तो वह अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। इसे अंग्रेजी में नो कॉन्फिडेंस मोशन कहते हैं। संविधान में इसका उल्लेख आर्टिकल-75 में किया गया है। आर्टिकल-75 के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है। अगर सदन में बहुमत नहीं है, तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है।
विपक्षी दलों के बीच इस मुद्दे पर आम सहमति बन गई है और कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर लेने के लिए हस्ताक्षर अभियान पहले से ही चल रहा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने जानकारी दी कि विपक्षी दल आज सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव हर वक्त जीत के लिए नहीं लाया जाता। देश को मालूम हो कि किस तरह से तानाशाही सरकार चल रही है और विपक्ष को असम्मानित किया जा रहा है।