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केरल में UCC विरोधी प्रर्दशन के दौरान लगाए गए हिंदू विरोधी नारे, बीजेपी ने पिनाराई सरकार पर साधा निशाना

केरल के कासरगोड जिले के कान्हांगड में समान नागरिक संहिता (UCC) के खिलाफ मुस्लिम यूथ लीग द्वारा आयोजित एक मार्च में प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग द्वारा हिंदू विरोधी नारेबाजी को लेकर विवाद पैदा हो गया है। विवाद के बाद, मुस्लिम यूथ लीग ने एक बयान जारी कर अपने सदस्य और कान्हांगड के मूल निवासी अब्दुल सलाम को उसके हिंदू विरोधी नारों के लिए निलंबित कर दिया। एमवाईएल ने अपने बयान में कहा, “यह एक अक्षम्य गलती है।”

हिंदू विरोधी नारों का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय सहित कई नेताओं ने हिंदू विरोधी नारों के वीडियो अपने सोशल मीडिया पर साझा किए हैं।

अमित मालवीय ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा “कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की युवा शाखा ने केरल के कासरगोड में एक रैली की और हिंदू विरोधी नारे लगाए, उन्होंने हिंदुओं को धमकी दी की वो उनको मंदिरों के सामने फांसी देंगे और जिंदा जलाएंगे”

अगर पिनाराई सरकार उनका समर्थन नहीं कर रही होती तो क्या वो लोग ये करने की हिम्मत कर पाते? क्या अब केरल में हिंदू और ईसाई सुरक्षित हैं?

उन्होंने आगे लिखा की “अभी कुछ समय पहले, एक अन्य रैली में, एक 7 वर्षीय लड़के ने, अपने पिता के कंधे पर बैठकर, नारे लगाए थे, जिसमें हिंदुओं और ईसाइयों से उनके अंतिम संस्कार के लिए चावल, फूल और कपूर तैयार रखने के लिए कह रहा था। केरल अब उग्र कट्टरपंथ का नया गढ़ बन गया है।”

घटना की निंदा करते हुए केरल बीजेपी ने ट्वीट किया “हम कान्हांगड विरोध प्रदर्शन के चौंकाने वाले वीडियो की कड़ी निंदा करते हैं। मुस्लिम लीग द्वारा हिंदुओं को निशाना बना कर लगाए गए नारे “हम तुम्हें मंदिरों में फाँसी देंगे” और “हम तुम्हें जिंदा जला देंगे” पूरी तरह से निंदनीय हैं, और उन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता। राहुल गांधी को उस पार्टी के कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए जिसे वह ‘धर्मनिरपेक्ष’ कहते हैं। यह उदाहरण कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा हिंदू समाज को निशाना बनाने का चिंताजनक संकेत है।”

मुस्लिम यूथ लीग के महासचिव पीके फिरोज ने एक बयान में कहा कि ऐसे नारे लगाना जो संगठन की विचारधारा के खिलाफ हैं और समाज में विभाजन पैदा कर सकते हैं, ये एक अक्षम्य गलती थी। उन्होंने कहा कि इसी मामले में अब्दुल सलाम को निलंबित कर दिया गया है। हालाँकि, वीडियो में और भी लोग नारे लगाते हुए देखे जा सकते हैं।

पिछले साल अलाप्पुझा में CAA के खिलाफ रैली के दौरान पीएफआई के सदस्यों के एक समूह द्वारा भड़काऊ नारे लगाए जाने पर मुस्लिम लीग और यूथ लीग ने कड़ा रुख अपनाया था। फ़िरोज़ ने तब कहा था कि ऐसे नारे, भले ही वे आरएसएस के ख़िलाफ़ हों, नहीं लगाए जाने चाहिए।

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Vipin Srivastava
Vipin Srivastava
journalist, writer @jankibaat1

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