सोमवार को प्रदीप भंडारी के शो “इलेक्शन की बात” का नया एपिसोड जारी हुआ। इस एपिसोड में प्रदीप भंडारी ने आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में I.N.D.I.A vs NDA के 10 कोर फैक्ट्स के बारे में बात की। इन्ही 10 कोर फैक्ट्स में से एक फैक्ट्स में प्रदीप भंडारी ने निचले तबके और कम आय वर्ग के वोटरों के रुझान का विश्लेषण किया।
प्रदीप भंडारी ने बताया की “अगर विपक्ष को सत्ता में आना है तो जो कम आय वाले लोग हैं, उनका ज्यादा वोट लाना पड़ेगा। देश के गरीब तबके को अब अपने आस पास बदलाव दिख रहा है। पहले उसके पास कच्चा घर था अब पक्का घर मिल रहा है। पहले शौचालय के लिए खेत में जाना पड़ता था अब घर के बगल में पक्का शौचालय बन गया है। पहले उसके गांव की सड़कें 4 लेन हाइवे से जुड़ी थीं, अब हाइवे 6 लेन हो गया है। पहले वो गरीब रथ से सफर करता था आज वंदे भारत से सफर कर रहा है।
प्रदीप भंडारी ने आगे कहा की “सिर्फ इतना ही नहीं अब गरीब आदमी की जिंदगी में भी बदलाव दिख रहा है। जैसे अब उसको किसी स्वस्थ सेवाओं की जरूरत होती है तो उसके पास आयुष्मान कार्ड है। जिसका मतलब है कि देश का निचला तबका बदलाव को महसूस कर रहा है, और उसके आस-पास उसको बदलाव दिख भी रहा है। जो की सरकारी डेटा में भी दिख रहा है। की 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को पीएम आवास मिला है, 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को शौचालय मिला है, उसके साथ साथ 8 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए क्रेडिट मिला है। जिसका मतलब ये है की जो निचले तबके के कम आय वाले लोग हैं उन तक सरकार की योजनाएं पहुंची हैं। इन लोगों का पीएम मोदी के साथ एक रिश्ता बन गया है, जो जर्मनी में बैठ कर एनालिसिस करने वाले नहीं समझ सकते।”
प्रदीप भंडारी ने आए बताया की “विपक्ष के पास मोदी सरकार के इस विकास मॉडल का कोई तोड़ नहीं हैं। विपक्ष ने पहले सोचा था कि हम फ्री का वादा कर देंगे तो ये वर्ग हमारे साथ आ जायेगा। जिसका फैक्ट ये है कि कर्नाटक में डीके शिवकुमार को अपने विधायकों से ये कहना पड़ रहा है, की विकास के लिए पैसा मत मांगो क्योंकि 40 हजार करोड़ तो हमें फ्री की योजनाओं में देने हैं। तो ये एक दोधारी तलवार है जिससे ये खुद भी घायल हो सकते हैं। तो इनका जो विकास का मॉडल है उसको ये खुद अपने लोगों को विश्वास नहीं दिला पा रहे हैं की ये उसे पूरा कर पाएंगे या नहीं।”