हरियाणा के नूह में 31 जुलाई को हुए दंगे में बागपत के पांची गांव के 32 वर्षीय प्रदीप शर्मा की कट्टरपंथियों ने बेरहमी से हत्या कर दी। प्रदीप शर्मा के दोस्त ने प्रदीप भंडारी को बताया की उसकी हत्या कट्टरपंथियों ने नूह से 20 किलोमीटर दूर सोहना में की।
कौन थे प्रदीप शर्मा?
32 वर्ष के प्रदीप शर्मा बागपत के पांची गांव के बेहद गरीब परिवार के सबसे बड़े बेटे थे। प्रदीप के परिवार ने बताया की वो एकमात्र इंसान थे जो घर का पूरा खर्च चलाते थे। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्ही के कंधों पर थी।
प्रदीप शर्मा के पिता ने बताया की वो बजरंग दल के कार्यकर्ता थे जो बिल्कुल सिंपल जीवन जीने वाले लोगों में से। प्रदीप गले में रुद्राक्ष की माला पहनते थे और कंधे पर भगवा अंगवस्त्र डालते थे साथ ही माथे पर तिलक भी लगाते थे।
पीड़ित पिता ने नाम आंखों से बताया की प्रदीप शर्मा भगवान की पूजा में लगे रहते थे। वो ज्यादा किसी से मतलब नहीं रखते थे। जब संगठन का कोई कार्यक्रम आयोजित होता था तो वो उसमे नियमित रूप से जाते थे, और नई पीढ़ी के बच्चों को संगठन से जोड़ने का काम करते थे।
पिता ने बताया की प्रदीप की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, वो बस भगवान की पूजा करने नूह गए थे। लेकिन कट्टरपंथियों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी।
प्रदीप के दोस्त ने बताया की प्रदीप जिस गाड़ी को चला कर वापस आ रहे थे उस गाड़ी को नूह से 20 किलोमीटर दूर सोहना के पास रोककर उसपर जोरदार हमला किया गया। उसने बताया की “जब हम उसका शव लेने गए तो उसकी खोपड़ी कुचली हुई थी। जब मैंने उसके शरीर को देखा तो खोपड़ी में कई दरारें थीं। ऐसा लग रहा था कि दंगाई योजनाबद्ध तरीके से उनके सिर पर हथौड़ा मारकर उन्हें मारना चाहते थे।”
प्रदीप के पिता ने सरकार से अपील की है की उनकी माली हालत को देखते हुए उनके छोटे बेटे को नौकरी दी जाए जिससे की उनका घर चल सके। उन्होंने ये भी अपील की है कि प्रदीप को हत्या करने वाले कट्टरपंथियों के लिए सरकार कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करे।