अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस के त्वरित निलंबन पर बोले वरुण गांधी ने कहा गहन जांच के बिना अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं।
उन्होंने आगे कहा जबकि जवाबदेही महत्वपूर्ण है, यह जरूरी है कि निष्पक्षता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए। उत्तर प्रदेश सरकार को मेरा पत्र आदरपूर्वक इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करता है। मेरी आशा है कि हमारे नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच निर्बाध बनी रहे, जबकि सरकार एक पारदर्शी जांच सुनिश्चित करती है जो तत्काल चिंताओं को संबोधित करती है, और किसी भी प्रणालीगत मुद्दे की पहचान करती है और उसे ठीक करती है जिसने दुर्भाग्यपूर्ण घटना में योगदान दिया हो।
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बताते चलें कि मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में बेहोश हुई विवाहिता की मौत के मामले में प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। प्रशासन ने संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबित करते हुए ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवा पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। अस्पताल में पूर्व में भर्ती सिर्फ 20 मरीज का ठीक होने तक उपचार चलेगा।
कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव पांडेय का पुरवा मजरे रामशाहपुर निवासी अनुज शुक्ल की पत्नी दिव्या शुक्ला 14 सितंबर को मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन करने आई थी। ऑपरेशन थिएटर के अंदर बेहोशी का डोज देने के बाद दिव्या कोमा में चली गई, उसके बाद मेदांता में इलाज के दौरान मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद अस्पताल के सीईओ व तीन चिकित्सकों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था।
सीएमओ की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया। शासन के निर्देश पर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर नए भर्ती मरीजों को भारती नहीं करने का निर्देश दिया गया था। सोमवार को जिला प्रशासन की ओर से अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है। सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करते हुए इमरजेंसी और ओपीडी सेवा पर प्रतिबंध लगाकर अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दी गई है।