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अगर कच्चे तेल के दाम नहीं हुए सस्ते तो आ सकती है 2008 जैसी मंदी, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की तेल उत्पादक देशों को दो टूक

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि इससे साल 2008 की विनाशकारी मंदी की स्थिति दोहराई जा सकती है। उस साल कच्चे तेल या क्रूड ऑयल की कीमतें आसमान छू गईं थीं। बाजार में इसके खरीदार नहीं रहे और इसकी मांग घट गई थी। उनका कहना था इसी तरह से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती रही तो फिर से वैसी हालत हो सकती है।

हरदीप सिंह पुरी ने ब्लूमबर्ग टीवी से बात करते हुए कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति की मात्रा के साथ जहां ब्याज दरों में बढ़ोतरी अतिरिक्त तरलता को खत्म करने में सक्षम नहीं है, आपके सामने ऐसी स्थिति होगी, जब तेल की कीमतें 2008 के परिदृश्य को दोहराएंगी। क्या वैश्विक अर्थव्यवस्था फिर से 2008 की आर्थिक उथल-पुथल जैसी स्थिति का गवाह बनने जा रही है?”

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण पिछले 18 महीनों के दौरान दुनियाभर में लगभग 10 करोड़ लोग घोर गरीबी के दुष्चक्र में फंस गए हैं।

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कच्चे तेल के दाम घटाने के लिए वो कोई तेल उत्पादक देशों पर दबाव नहीं बना रहे हैं, लेकिन तेल उत्पादक देश कच्चे तेल की कीमतें बढ़ाना चाहते हैं और सोच रहे कि सब अच्छा होगा तो आप मुगालते में हैं। इसके अलग परिणाम भुगतने होंगे। 2008 के समान क्रूड ऑयल की ज्यादा दाम के बाद कीमतें क्रैश भी कर सकती है।

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