भारत के स्टॉक मार्केट और अर्थव्यवस्था के खिलाफ अगर सबसे बड़ी साजिश रची गई तो वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के माध्यम से पिछले साल रची गई थी। 2008 में भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस ने कहा था कि उसे फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा मार्केट डूबे, कौन सा मार्केट उठे, बस वह पैसे कमाना चाहता है। इसी के तहत उसने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के माध्यम से साजिश रची थी।
भारत काफी आगे बढ़ रहा है और कई मामलों में चीन को पीछे छोड़ रहा है। इसी से जॉर्ज सोरोस डरा हुआ था और वह भारत के खिलाफ काफी समय से साजिश रच रहा था। जॉर्ज सरोज को भरोसा था कि जो उसके साथी यहां राजनीति और मीडिया में बैठे हैं, वह उसका पूरा साथ देंगे। इसी के तहत जॉर्ज सोरोस ने हिंडनबर्ग से एक रिपोर्ट निकलवाई और उसने हिंदुस्तान के बहुत बड़े अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट को प्रकाशित करवाया।
अडानी ग्रुप वही ग्रुप है जो भारत के काफी क्रिटिकल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था और चीन को हराने की कोशिश में था। जैसे ही रिपोर्ट आई उसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर्स गिरने लगे। इसके बाद 1 साल तक अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच हुई और जांच में यह बात सामने आई कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कुछ भी सच नहीं था। उसमें सब कुछ झूठ था और प्रमाणिकता से परे था।
Hindenburg Report was the biggest conspiracy to derail Indian growth story, shake the confidence of Indian investors, & benefit #China. It was an attempt to silence #Adani as he furthered Indian strategic interest by competing with Chinese globally.
As one year completes, lies… pic.twitter.com/CSUgRSOm7T
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) January 25, 2024
इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में वृद्धि देखने को मिली और जो हिंदुस्तान के निवेशकों का लाखों करोड़ रुपये डूबा था वह फिर से रिकवर होने लगा।इसके बाद अडानी ग्रुप लगातार फिर से काम करने लगा, चीन के मुकाबले प्रोजेक्ट में अच्छी बिडिंग करने लगा और हिंदुस्तान और अडानी ग्रुप ऐसा पहला देश बन गया, जिसने जॉर्ज सोरोस और हिंडनबर्ग की साजिश को नाकाम कर दिया।
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अपनी मेहनत से साबित किया कि अगर कोई भी उद्योगपति जो मेहनत से काम करता हो और उसके मन में देश सेवा है, तो उसके सामने कोई भी रोड़ा नहीं आ सकता है। गौतम अडानी के ऊपर एक दाग डालने की कोशिश की गई लेकिन यह अटैक गौतम अडानी पर नहीं बल्कि भारत की इकोनॉमी पर था। लेकिन आज की स्थिति ऐसी है कि भारत ने हांगकांग के स्टॉक मार्केट को डिफीट कर दिया है।