भारत में टोल संग्रह इस वित्तीय वर्ष के पहले दस महीनों में 53,289.41 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसका श्रेय टोल सड़कों में तेज वृद्धि और हर साल नए FASTag उपयोगकर्ताओं को शामिल किया जाता है।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जनवरी की अवधि के दौरान 5328.9 करोड़ रुपये के औसत मासिक संग्रह के साथ, वित्त वर्ष 2024 में टोल संग्रह रिकॉर्ड 62,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
बताते चलें कि वार्षिक टोल संग्रह 2018-19 में 25,154.76 करोड़ रुपए, 2019-20 में 27,637.64 करोड़ रुपये, 2020-21 में 27,923.80 करोड़ रुपये, 2021-22 में 33,907.72 करोड़ रुपये और 2022-23 में 48,028.22 करोड़ रुपये रहा।
भारत में टोल की कुल लंबाई वित्त वर्ष 2019 में 25,996 किमी से बढ़कर इस वित्त वर्ष के नवंबर के अंत तक 45,428 किमी हो गई है, जो 75% की वृद्धि है। 2019-20 में टोल की लंबाई 29,666 किमी, 2020-21 में 34,071 किमी, 2021-22 में 38,315 किमी और 2022-23 में 42,595 किमी थी।