चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की दिल्ली विधानसभा में सदस्यता रद्द कर दी गई है. उनके ऊपर लाभ का पद ग्रहण करने का आरोप था जिस के संबंध में आज चुनाव आयोग ने निर्णय सुनाते हुए यह कहा की उक्त 20 विधायक, जिन्हें अरविंद केजरीवाल ने संसदीय सचिव मार्च 2015 में नियुक्त किया था वह तत्काल प्रभाव से विधायक नहीं रह जाएंगे. दिल्ली में 67 सीटों के साथ एक मजबूत बढ़त के साथ सत्ता में आई आम आदमी पार्टी ने 2015 में सरकार बनाई थी आज के इस फैसले के बाद भले ही बहुमत उनके साथ अभी भी रहे लेकिन दिल्ली में एक मिनी चुनाव होने की सरगर्मी तेज हो चुकी है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद विभिन्न विश्लेषकों एवं तमाम पार्टी के नेताओं ने अपनी अपनी राय रखना शुरू कर दिया है. कोई अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा मांग रहा है तो कोई उन्हें राजनैतिक एवं संवैधानिक संकट खड़े करने वाला नेता करार दे रहा है. हमने दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी और कांग्रेस के शीर्ष नेता अजय माकन से इस पूरे प्रकरण पर उनकी राय जाननी चाही. आइए देखते हैं उनका इस पूरे मामले पर क्या है कहना:
मनोज तिवारी, अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी दिल्ली
“आज आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया है. इनके ऊपर लाभ के पद ग्रहण करने का आरोप था. भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत करती है. आम आदमी पार्टी हमेशा से कानून का पालन ना करने वाली पार्टी के रूप में जानी जाती है और हमेशा ही उनके द्वारा संवैधानिक संकट देश में उत्पन्न किया जाता है, आज का चुनाव आयोग का निर्णय निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी को आईना दिखाएगा. आज आम आदमी पार्टी को यह मालूम चल गया होगा कि यह देश संविधान के मूल्यों पर चलता है और चलता रहेगा. हमें इस बात का अफसोस जरूर है कि यह निर्णय अगर 20 महीने पहले आ जाता तो अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को दिल्ली को लूटने का अवसर नहीं मिलता और आज आम आदमी पार्टी राज्यसभा में अपने तीन सांसद नहीं भेज पाती और इसलिए जो भी उनकी खरीद-बिक्री का समाचार आया वैसी दुखद घटना भी नहीं घटती.भारतीय जनता पार्टी के बूथ स्तर तक का कार्यकर्ता, आम आदमी पार्टी द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तत्पर है. भारतीय जनता पार्टी किसी भी समय चुनाव में जाने को तैयार है और हम सभी दिल्ली को बचाने के लिए हमेशा तैयार हैं चाहे हमें कल ही इलेक्शन में क्यों ना जाना पड़ जाए.”
"आम आदमी पार्टी ने देश में हमेशा संवैधानिक संकट खड़ा किया है, चुनाव आयोग का यह निर्णय उन्हें आईना दिखायेगा और यह बताएगा कि यह देश संविधान के मूल्यों पर चलता है और चलता रहेगा", कहना था @BJP4Delhi के अध्यक्ष @ManojTiwariMP का. देखें वीडियो। pic.twitter.com/wwT75TbQZq
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) January 19, 2018
अजय माकन, शीर्ष कांग्रेसी नेता
“अब समय आ गया है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दें. उनकी कैबिनेट के आधे मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में बाहर है और उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा. आज चुनाव आयोग द्वारा उनके 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है और अब वह मंत्री के तौर पर उठा रहे फायदों से भी वंचित होने वाले हैं. आम आदमी पार्टी के द्वारा जिस प्रकार से लोकपाल की मांग की गई थी वह लोकपाल आज कहां है? उनके विधायक और मंत्री सत्ता में रहते हुए विदेशी यात्रा करते हैं, कहां गई उनकी राजनैतिक सत्यता और ईमानदारी?”
उन्होंने यह भी कहा, “संसदीय सचिव का कानून के मुताबिक औचित्यपूर्ण काम होना चाहिए”.
उनके हिसाब से “कांग्रेस चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है और जिन सीटों पर विधायक अयोग्य घोषित किए गए हैं वह सीटें परंपरागत रूप से कांग्रेस पार्टी के साथ गई है और इन क्षेत्रों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का प्रभाव रहा है”.उनका यह भी कहना था कि, “आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले यह कहा था कि उनके विधायक सरकारी बंगला सुरक्षा गाड़ी यह सब नहीं लेंगे लेकिन यह जैसे ही सत्ता में आए उन्होंने सारी सुख सुविधाओं का लाभ उठाना शुरू कर दिया और सुविधाएं दुगनी कर दी”
Kejriwal has no right to continue.
Half of his cabinet ministers removed on corruption charges!
20 MLAs who were enjoying ministerial perks would be disqualified!Where is Lokpal?
The MLAs and Ministers enjoying perks of power and foreign travel-Where is political probity?— Ajay Maken (@ajaymaken) January 19, 2018