हाल में प्रदीप भंडारी पहुंचे डीडी न्यूज़ पर और दी ईवीएम पर अपनी बेबाक राय. पढ़िए उन्होंने क्या कहा.
सवाल – आम आदमी पार्टी लगातार ईवीएम् मशीन पर सवाल उठती रही है, उसके बाद जब चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को ईवीएम का परिक्षण करने के लिए बुलावा भेजा था तो कोई पार्टी ने विशेष रूचि नहीं दिखाई थी. अब जबकि चुनाव नजदीक हैं तो फिर से आम आदमी पार्टी ने इसपर सवाल उठाने शुरू क्र दिए हैं, क्या कहना है इसपर आपका?
प्रदीप भंडारी द्वारा रखे गए मुद्दे
* मैंने स्वयं ईवीएम पर काफी शोध किया है और मुझे यह मालूम चला है की इसे किसी भी प्रकार से किसी ब्लूटूथ या वाईफाई से जोड़ा नहीं जा सकता है. इससे किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. ईवीएम एक ऐसा डब्बा है जिसमे आप इनपुट नहीं डाल सकते, इसे आप किसी भी प्रकार से किसी सिग्नल से जोड़ नहीं सकते.
* आप जो भी बटन दबाते हैं उसके सामने से वीवीपैट पर्ची के जरिये आपको मालूम चल जाता है कि आपने किसे वोट दिया है.
* चूँकि ईवीएम बैटरी से चलता है इसलिए उसके गरम होने कि शिकायत आती है जोकि स्वाभाविक है और कुछ देर के लिए वोटिंग रुक जाती है. इस सम्बन्ध में कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्णय आ चुका है जिसमे यह कहा गया था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं कि जा सकती है.
* जिस डब्बे को सुरभ भरद्वाज जी ने दिल्ली विधानसभा में दिखाया था वो एक ढोंग था, वो डिब्बा ईवीएम नहीं था. हमे यह ध्यान रखना होगा कि हिंदुस्तान का ईवीएम अमेरिका के ईवीएम के बराबर नहीं है.
* वैज्ञानिक रूप से भी और लोकतांत्रित रूप से भी ईवीएम पर सवाल उठाना सही नहीं है. हर राजनैतिक अप्रत्य ५ प्रतिशत ईवीएम को चेक करती है और उसपर पार्टी प्रतिनिधि के दस्तखत होते हैं और फिर मशीन लॉक कर दी जाती हैं, इसलिए इस सम्बन्ध में किसी प्रकार का सवाल उठाना जायज़ नहीं है.
* मै सैम पित्रोदा जी को चुनौती देता हूँ कि वो सामने आये और ईवीएम के छेड़छाड़ समबन्धी सबूत दें. हम खुशनसीब हैं कि हम एक लोकतान्त्रिक देश में रहते हैं जहाँ एक आत्मनिर्भर आयोग चुनाव को अंजाम देता है.
* कोई भी युवा तकनीक के खिलाफ नहीं जाएगा, जो भी पार्टी इसके खिलाफ जाती है है उसका साथ युवा नहीं देगा.