कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के कारण केन्द्र सरकार ने 15 अप्रैल के बाद लॉकडाउन 2 का एलान कर दिया है। केंद्र सरकार का कहना है लॉकडाउन 2 के साथ किसानों को कुछ छूट भी दी जाएगी। ताकि देश में किसानों को लॉकडाउन 2 के दौरान फसल कटाई में दिक्कत का सामना ना करना पड़े। जिसके बाद जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी पहुंचे नजफगढ़ दिल्ली के हिर्णकुडमा गांव में। जहां जन की बात की टीम ने किसानों और मजदूरों से लॉकडाउन 1 कृषि कार्य करने में आने वाली बाधाओं को जाना।
लॉकडाउन के बारे में किसानों की राय
जन की बात की टीम ने किसानों से लॉकडाउन के बारे में पूछा तो सभी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन को जरूरी कदम बताया। लेकिन लॉकडाउन 2 में फसल कटाई में तेजी लाने के लिए छूट की भी मांग की।
How is rural India responding to #lockdown2? What are the farmers thinking? Watch #PradeepGroundReport from Hirankudama village Najafgarh area Delhi@pradip103#COVIDー19 pic.twitter.com/Xm0jFlK5hi
— Jan Ki Baat (@jankibaat1) April 20, 2020
बढ़ते लॉकडाउन के साथ कृषि कार्य में समस्याएं भी बढ़ रही है।
जब जब किसानों से कृषि कार्य में आने वाली बाधाओं के बारे में पूछा गया। तो किसानों ने बताया कि फसल कटाई में उपयोग में आने वाली मशीनों के पुर्जे खराब हो जाने पर उन्हें लाने के लिए काफी दूर तक जाने के साथ लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। फसल काटने के बाद उन्हें घर पर भंडारण करके लंबे समय तक रखना संभव नहीं है। समय बढ़ने के साथ-साथ फसल में कीड़े लगने आदि की संभावना बढ़ जाती है। जिससे कृषि मंडियों में खरीद जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
जब जन की बात की टीम ने मजदूरों से समस्याओं के बारे में पूछा। तो मजदूरों का कहना था कि फैक्ट्रियां बंद होने से काम उपलब्धता कम हो गई है। जिस कारण उनकी मजदूरी में भी बड़ी गिरावट आई है। कृषि कार्य के अलावा अभी उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है। और एक बीघा खेत काटने के उन्हें ₹1000 तक ही मिल पा रहे है।
प्रदीप टेक
सभी किसान लॉकडाउन का समर्थन कर रहे है। अनाज की खरीद के लिए मंडियों को जल्द से जल्द खोला जाना चाहिए। जिससे अनाज के भंडारण की सही व्यवस्था हो सके। गांव के लोगों का कहना है गांव के आसपास सफाई की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि बीमारी कम से कम फैले।