लॉकडाउन में यात्रा के तीसवें दिन जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी पंजाब के मोहाली में रेलवे स्टेशन पहुंचे। स्टेशन पहुंचने पर पता चला कि मोहाली से उत्तर प्रदेश के अमेठी और सुल्तानपुर एक श्रमिक एक्सप्रेस जा रही है। जो प्रदीप भंडारी जी ने श्रमिकों से पूछा कि वह स्टेशन तक कैसे पहुंचे? श्रमिकों ने बताया कि उन्हें घर से स्टेशन तक बस में लाया गया है और वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ट्रेन पकड़ने जा रहे है। साथी ही श्रमिकों ने बताया कि उन्हें रजिस्ट्रेशन करने आदि में कोई परेशानी नहीं हुई है।
जब प्रदीप भंडारी ने मोहाली जिले के एसडीएम से बात करें और पूछा कि आप श्रमिकों को कैसे उनके घर से लेकर स्टेशन तक की व्यवस्था कैसे कर रहे है? मोहाली के एसडीएम ने कहा मजदूरों के पहले रजिस्ट्रेशन कराए जाते है फिर उसके बाद उन्हें कॉल किया जाता है और उसके बाद कंफर्म किया जाता है कि वह शहर में बनाए गए अपने नजदीक के पिकअप पॉइंट पर आ पहुंच जाएं। फिर उन्हें स्थानीय प्रशासन की बसों द्वारा बसों में बैठाकर रेलवे स्टेशन पर लाया जाता है।
जब हमने ट्रेन में बैठे मजदूरों से बात की और पूछा कि वह वापस कब आएंगे? तो मजदूरों ने जवाब दिया कि जैसे ही कोरोना वायरस की समस्या समाप्त हो जाएगी। वह जल्द से जल्द काम पर लौटेगे।
#Watch Pradeep Bhandari ground report and Analysis on Voice of Migrant on railway station releasing is out . Watch The report from ground zero.
"What are Migrants returning back to their village thinking ?"@pradip103@PMOIndia#MigrantWorkers#PradeepGroundReport pic.twitter.com/tVY3LwzI33— Jan Ki Baat (@jankibaat1) May 10, 2020
प्रदीप टेक
मजदूरों से बात करके साफ यह पता लगता है कि प्रशासन ने मजदूरों की उनके घर से लेने से लेकर ट्रेन में बैठाने की पुख्ता व्यवस्था की है। केवल उन्हीं मजदूरों को प्रशासन रेलवे स्टेशन तक पहुंचा रहा है जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन करा रखा है। प्रशासन पिकअप पॉइंट पर ही एक बार मजदूरों का तापमान नापा जाता है। यदि किसी मजदूर का तापमान 98.5°C से ज्यादा होता है। उसका आगे चेकअप किया जाता है। और ट्रेन में बैठ आने से पहले भी प्रशासन द्वारा मजदूरों को खाना वितरित किया जाता है।