राहुल कुमार, जन की बात
जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे नई चुनावी समीकरणों लोगों के सामने आ रहे हैं । तीसरे चरण मैं बोकारो जिले की 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं जिसमें बेरमो विधानसभा भी एक है
विधानसभा आदिवासी बहुल क्षेत्र है साथ कुर्मी और राजपूत भी यहां अच्छे वोट बैंक कहे जाते हैं।
अगर बात करें विधायक योगेश्वर महतो की तो उनकी छवि काम को लेकर काफी खराब बताई जा रही है चाहे वह ठेके में भ्रष्टाचार की हो या सड़क निर्माण से लेकर जन कल्याण योजनाओं जमीन पर पहुंचाने में कोई भी रुचि लेने में।
इसी के विपरीत राजेंद्र प्रसाद सिंह जो इस बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में है पिछली बार भाजपा के उम्मीदवार से तकरीबन 13000 मतदान से हार का सामना करना पड़ा था इस बार वह अपनी पुराने किए कामों को गिनाते हुए वोट मांग रहे हैं।
यह कई लोगों का कहना है कि राजेंद्र प्रसाद ने अपने समय में काफी अच्छे काम करवाए थे। जैसे उन्होंने स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र बनवाए थे जिसका अभी भी लोगों को लाभ मिल रहा है । क्षेत्र में ऐसे कई जगह मिले जहां विधायक योगेश्वर महतो से नाराजगी थी लेकिन भाजपा को इस बार भी पसंद करने की बात कह रहे थे और जिसका कारण एकमात्र प्रधानमंत्री मोदी है रघुवर दास और विधायक के काम से काफी नाराज दिखे।
इस विधानसभा में एक अनोखी बात यह देखने को ये मिली की काम के साथ-साथ अपने बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर भी कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह के बेटे अनूप सिंह जिनको उनका उत्तराधिकारी माना जा रहा है राजनीति में वह पिता की आखिरी इच्छा और आखरी मौका कहते हुए सोशल मीडिया पर क्षेत्रवासियों से मतदान करने के लिए कह रहे थे।
जमीनी समीकरण जो देखने को मिली
विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस में खासी टक्कर देखने को मिल सकती है लेकिन बीजेपी को अपने विधायक के काम और आजसू के उम्मीदवार के खड़े करने की वजह से महतो समाज का वोट बट्टा नजर आ रहा है जो सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी को मिलेगा ।