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किस बड़े राज्य में हुए 90% लोग करोना से ठीक ?

भारत में कोरोना के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच एक ऐसी खबर भी आती है जो थोड़ी राहत देने का काम कर रही है। बढ़ते हुए कोरोना मामलों के साथ ठीक होने वालों की भी संख्या उसी तेजी से बढ़ रही है। वह भी तब जब इस बीमारी का इलाज अब तक नहीं ढूंढा गया है।

पहले जहां कोरोना के मामले पहले-दूसरे लॉकडाउन में 500 से नीचे पूरे देश से रोजाना सामने आया करतें थे। वहीं अब हालात ऐसे हैं कि 500 से 2000 सिर्फ महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में 1 दिन में आ जाते हैं।

जिस हिसाब से कोरोना के दोगुने होने के मामले बढ़ रहे हैं। उसी तेजी के साथ लोगों की चिंता भी इसको लेकर बढ़ रही है। लगातार मजदूरों के पलायन की वजह से अभी ये मामले थमते हुए नहीं नजर नही आ रहे है।

इसी बीच एक ऐसा भी मामला सामने आता है जहाँ एक राज्य के 90% लोग कोरोना महामारी होने के बाद ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।

पंजाब राज्य देश का पहला वह राज्य बना जिसने लॉकडाउन लगाने की बात रखी थी और अपने राज्य में इसे लगाया भी था। साथ ही महाराष्ट्र से आए श्रद्धालुओं की वजह से अचानक कोरोना के मामलो में वृद्धि की भी बात राष्ट्रीय स्तर पर बहस का मुद्दा बना गया था।

अगर पूर्वउत्तर के छोटे राज्यों को हटा कर हालिया नतीजों पर गौर करे तो पंजाब में करोना से ठीक होने वाले मामलों में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

इन राज्यों ने किया सबसे अच्छा प्रदर्शन

देश मे अभी 183000 के करीब मामले है जिनमे से 87000 से ऊपर ठीक भी हो चुके हैं। जिससे देश मे अभी कुल मामलो में से रिकवरी अनुपात 47.57% बनता हैं।

अगर बात करें राज्यों की तो हमने ऐसे पांच राज्यों की जानकारी देने की कोशिश की है जहां सबसे तेजी से ठीक होने के मामले सामने आए हैं। हमने उन पांच राज्यों की भी बात की है जहां सबसे धीमी रफ्तार से ठीक होने के मामले सामने आ रहे हैं।

पांच बड़े राज्य जिनका ठीक होने का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से काफी बेहतर है।

  1. पंजाब-90%
  2. आंध्रप्रदेश-66%
  3. राजस्थान-66%
  4. उत्तरप्रदेश-60%
  5. गुजरात-56.4%

यह है वह 5 बड़े राज्य जिनके ठीक होने का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बहुत कम है।

उत्तराखंड-13%
छत्तीसगढ़-22%
कर्नाटक-34%
बिहार-35%
पश्चिम बंगाल-38%

अगर दिल्ली और महाराष्ट्र की बात करे जो हमेशा आंकड़ो की दौर में रोज़ खबरों में बने रहते है। दिल्ली में जहाँ ठीक होने वालों का अनुपात 43% है तो वहीं महाराष्ट्र में 44% बना हुआ है।

ठीक होने वाले मामलों के दिए हुए आंकड़ो का अनुपात राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्था और वहां के लोगों के इम्यून सिस्टम पर भी निर्भर करता है।

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