Voice Of The People

जानिए मोबाइल की दुनिया में कितना आत्मनिर्भर है भारत ?

कोरोना वायरस के बाद लगातार अर्थव्यवस्था को होते नुकसान से उबारने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर होने की बात कही है।

चाइना द्वारा करोना फैलने और सीमा विवाद के बाद देश में चाइना विरोध और उससे जुड़े समान को लेकर बहिष्कार की बातें देशभर में चल रही है।

जिसको लेकर कई जाने-माने चेहरे चाइना को आर्थिक बहिष्कार कैसे किया जा सकता है उसे जुड़े उपाय बता रहे हैं। सोनम वांगचुक जो अपने तकनीकी ज्ञान से समाज सुधार के लिए जाने जाते हैं। उनके वीडियो भी खूब वायरल हुए जिसमें उन तरीकों को बताया गया हैं। जिनसे आत्मनिर्भर बनते हुए चाइना को आर्थिक मोर्चों पर कमज़ोर किया जा सकता है।

चाइना को भारत के बाजार से अपने सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों रूप से काफी फायदा होता है।
चाहे वह टिकटोक, हेलो, वीचैट जैसे ऐप हो जिन्होंने गांव गांव तक अपनी पकड़ बना रखी है। वही साथ ही हार्डवेयर में सस्ते फोन और खिलौनों के रूप में घर-घर तक पहुंचने में कामयाब हुआ है।

मोबाइल की दुनिया में भारत बन रहा है आत्मनिर्भर

मोबाइल की दुनिया ने पिछले दस सालों में बहुत तेजी से लोगो के जिवन में, ख़ास से आम बनने की दौर को पूरा किया है। साथ ही आज हर एक आदमी के जेबों में आ चुकी है।

जहाँ 10 साल पहले फ़ोन में कैमरा होना एक उपलब्धि की निशानी के तौर पर देखा जाता था। वही आज कोई सिर्फ बात करने के लिए फ़ोन लेता है, तो उसमें भी 2 कैमरा तो होते ही है।

भारत देश इस दौर का अग्रमी धावक है। ये दौर अभी खत्म होती नही दिख रही है।
भारत जहाँ 2014 तक अपने दौर में शामिल होने के लिए 91% दूसरे देशों पर निर्भर था। चीन जहाँ हमारे इस जरूरत को बखूबी तरह से जानते हुए, सस्ते फोनों के माध्यम से बाजार पर कब्ज़ा किए हुआ था।

आज भारत 2014 के बाद से अपनी जरूरत का 82% मोबाईल से जुड़े समान देश मे बनाता है।
जहाँ 2014 में मात्र 3 निर्माण इकाई थी जो अब बढ़ कर 270 के पार हो चुका है ।
भारत में दुनिया के हर एक नामी कंपनियों के मोबाइल बनाए जा रहे हैं, चाहें वो एप्पल हो या समसुंग।

कैसे बना भारत आत्मनिर्भर?

भारत के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के लिए फैसले और PMP जैसे तरीको में जहाँ स्थानीय तंत्र और माहौल को निर्माण हेतु उचित वातावरण तैयार करना होता है। ऐसे किसी भी नए उद्योग को शुरू करने और सरलतापूर्वक चलने की व्यवस्था की जाती है।

जिसका नतीजा आज ये हैं कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। समसुंग ने अपना सबसे बड़ा कारखाना भी दिल्ली एनसीआर में लगाया है।

मोबाइल की दुनिया में
ICEA DATA

जो लोग ये सोचते हैं कि, भारत अपना ज्यादारत मोबाइल बनाने की निर्भरता चीन की कंपनीयो पर टीका है। उन्हें हम बता दे कि समसुंग(Samsung) जो देश मे सबसे ज्यादा मोबाइल बनाता है वो दक्षिण कोरिया की कंपनी है। तो वही Samsung के बाद Foxconn और Flex दूसरे और तीसरे सबसे बड़े निर्माता हैं। Foxconn ताईवान की कंपनी है तो वही Flex सिंगापुर की कंपनी है जो Relience के फोन बनाती है। Foxconn वही Apple, Blackberry, Nokia और Xiaomi के फ़ोन बनाती है। इन तीनों कंपनियों का कुल उत्पादन देश मे होने वाले उत्पाद का 60% है।

भारत में अभी अरबो रुपये के निवेश के साथ 29 करोड़ से ऊपर फ़ोन सालाना बनाए जा रहे है। भारत मे मिलने वाले मेहनती और सस्ते कौशल कामगार दुनिया की हर एक बड़े निर्माताओं को अपने और खिंच रहा है। भारत कुछी समय मे अपनी जरूरत को पूरा करते हुए दुनिया की जरूरत को पूरा करने के और बढ़ रहा है।

 

SHARE

Must Read

Latest