कोरोना वायरस के संकट के दौर में जब इकॉनमी की हालत काफी खराब है। विश्व अर्थव्यवस्था रिसेशन की तरफ बढ़ रही है। फिर भी भारत के साथ दुनिया के शेयर मार्केट तेजी से बढ़ रहे हैं। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे अनेक कारण है।
कोरोना वायरस की शुरुआत में शेयर मार्केट का तेजी से गिरना
जब मार्च के महीने में भारत में बड़े स्तर पर कोरोना वायरस के मामले आने शुरू हुए थे। उसके बाद शेयर मार्केट में तेजी से गिरावट आई। जिसके बाद कई बड़ी कंपनियां जिनकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी थी। उनके शेयर प्राइस भी 50% तक गिर गये। जिससे बड़ी संख्या में निवेशक इन कंपनियों की तरफ आकर्षित हुए। मार्च के आखिरी हफ्तों में भारत में संपूर्ण लॉकडाउन के कारण शेयर मार्केट में 30 से 40 फ़ीसदी की गिरावट हुई थी। जिसके बाद सभी निवेशक मार्किट में वी शेप रिकवरी की उम्मीद में और अधिक पैसा डाल रहे है। जिसमें बड़ी संख्या में FII और DII भी जमकर खरीदारी कर रहे है।
दुनिया के देशों का आर्थिक पैकेज का दिया जाना
कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत ने अपनी जीडीपी का 10%, जापान ने अपनी जीडीपी का 50%, अमेरिका ने अपनी जीडीपी का 10% के बराबर आर्थिक पैकेज दिया है। जिसके बाद मार्केट में बड़ी मात्रा में लिक्विडिटी उपलब्ध है। जिसके कारण शेयरों के दाम तेजी से बढ़ रहे है। उदाहरण के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक 800 बिलियन यूरो अनुमान के विपरीत 1.5 बिलियन यूरो के बॉन्ड खरीदे। वही अन्य देशों की सेंट्रल बैंकों के द्वारा ब्याज दर कम करने के लिए अपनाए गए मापदंडों के कारण भी मार्केट में बड़ी मात्रा में लिक्विडिटी बढ़ी है।
दुनिया का लॉकडाउन से बाहर आना
शेयर मार्केट के लिए कोरोना वायरस के समय सबसे बड़ी पॉजिटिव न्यूज़ यह है कि अब दुनिया के लगभग सभी देश लॉकडाउन से बाहर आ रहे है। जिससे दुनिया की अर्थव्यवस्था का पहिया घूमता हुआ दिखाई दे रहा है।