भारतीय रेलवे ने इतिहास रचते हुए दुनिया के रेलवे ढांचे को एक नई पहचान दी है। भारतीय रेलवे अपने रेलवे ट्रैक के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है। वही सवारियों के ले जाने में पहले नंबर पर नाम आता है।
लगातार लॉक डाउन के दौरान भारतीय रेलवे इतिहास में पहली बार इतने लंबे समय तक बंद रहने के बाद इतिहास रचते हुए वापस अपने पटरी पर दौड़ रही है।
भारतीय रेलवे अभी दुनिया के बाकी विकसित देशों के रेलवे के मुकाबले इतनी तेजी से नहीं दौड़ पाती। लेकिन भारतीय रेलवे हमेशा से नए तरीके और बुनियादी ढांचे को विकसित करने में लगी रहती है।
पिछले साल वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन अपने देश में ही बड़े ही किफायती दाम में बनाकर तैयार किया गया। साथ ही भारत दुनिया के उन 7 देशों में शामिल हो गया जो इस तरह की ट्रेन बनाते है। पूरे दुनियां ने इस ट्रेन के ढांचे और इंजीनियरिंग की तारीफ की साथ ही इसको बनाने में हुए ख़र्च ने सबका ध्यान अपनी तरफ खिंचने में सफलता हासिल की।
जिसको देखते हुए दुनिया के कई देशों ने इस ट्रेन को खरीदने की अपनी इच्छा जताई।
भारतीय रेल ने फिर रचा इतिहास
भारत में अभी 7 हजार से ऊपर माल गाड़ियां चलती है जिस में 30 लाख टन समान को देश के एक कोने से दूसरे कोने ले जाया जाता है।
मुख्यतः रेल विभाग को जो कमाई होती है वह इन्हीं माल गाड़ियों की वजह से होती है। आपने कई बार देखा होगा कि लंबी-लंबी माल गाड़ियों के जाने की वजह से यात्री ट्रेनों को रोक दिया जाता है।
Western Railway established a new world record by achieving a rare feat of running hi-speed double-stack container train with an overhead wire as high as 7.57 metres with the help high-rise pantographs on electric locomotives. @RailMinIndia @PiyushGoyal https://t.co/fG68oGaVIh
— Western Railway (@WesternRly) June 12, 2020
भारतीय रेल ने इस सेक्टर को और प्रभावशाली बनाते हुए पहली बार डबल-डेकर मालगाड़ी को इलेक्ट्रिक लाइन पर ऑपरेट करने में सफलता हासिल की है। पहले सिर्फ डीजल इंजन लाइन पर ही संभव हो पाता था।
Awesome! This is the one… 7.57m high overhead wire with double stack containers! Kudos @RailMinIndia @WesternRly pic.twitter.com/qgpBTgLjaI
— Rajendra B. Aklekar (@rajtoday) June 11, 2020
डबल-डेकर मालगाड़ी ट्रेन गुजरात के पालनपुर और बोटाद स्टेशन के बीच चलाई गई। इसको लेकर इंजन और लाइन में कुछ बदलाव किए गए। अभी इस तरह से दुनिया के बड़े से बड़े विकसित देश भी नही कर पाए है।
इस कार्य से माल ढुलाई में लगने वाला खर्च, समय और मेहनत तीनों ही कम लगने वाला है। इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए अब ज्यादार रेल कॉरिडोर हाई-राइज( बिजली की लाइनों को ऊंचा रखना) करके बनाए जा रहे है। ताकि भविष्य में उन पर भी ऐसे ही डबल-डेकर ट्रेनें चलाई जा सके।
लॉकडाउन के दौरान देश में जरुरी सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेल ने दिन-रात मालगाड़ियों का परिवहन किया।
रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान 17 करोड़ टन से अधिक आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई कर सप्लाई चैन की निरंतरता बनाए रखी। pic.twitter.com/50iEAeUxAp
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) June 13, 2020
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