अमन वर्मा (जन की बात)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है। आज अगर हम अपने नागरिकों का जीवन बचा पा रहे हैं, तो ये भी बहुत संतोष की बात है।
आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान का लक्ष्य रोजगार प्रदान करने, स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक संगठनों और अन्य संस्थानों को साथ जोड़ना है। पीएम मोदी ने प्रदेश के छह जिलों के ग्रामीणों से संवाद किया। राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण साझा सेवा केन्द्र और कृषि विज्ञान केन्द्रों के जरिए इस अभियान के उद्घाटन के साक्षी बने।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘श्रम की ताकत हम सभी ने महसूस की है। श्रम की इसी शक्ति को आधार बनाकर भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया गया।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो, इसके लिए जिस तरह योगी सरकार ने काम किया है वो भी अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत यूपी ने बहुत तेज़ी से गरीबों और गांव लौटे श्रमिक साथियों तक मुफ्त राशन पहुंचाया।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कोरोना काल में अपने प्रदेश लौटे कई श्रमिकों से बातचीत की। एक श्रमिक से पीएम मोदी ने कहा कि आपने आपत्ति को अवसर में बदल दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आगे भी किसी को नहीं पता कि इस बीमारी से कब मुक्ति मिलेगी। इसकी एक दवाई हमें पता है। यह दवाई है दो गज की दूरी। यह दवाई है- मुंह ढकना, फेसकवर या गमछे का इस्तेमाल करना। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती, हम इसी दवा से इसे रोक पाएंगे।
एक करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को मिलेगा काम
उत्तर प्रदेश के 31 जिलों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है और राज्य सरकार इस अवसर का उपयोग श्रमिकों के कल्याण के लिए कर रही है। 25 श्रेणियों के काम पर ध्यान देने के साथ विभिन्न विभागों को काम देने का लक्ष्य रखा गया है और 1.25 करोड़ श्रमिकों को काम मिलेगा। वहीं, इसमें प्रति दिन 60 लाख श्रमिकों को काम दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 6 जिलों के ग्रामीणों से किया बात
इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रदेश के 6 जिलों के ग्रामीणों से बात भी की है। सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का ध्यान रखते हुए कॉमन सर्विस सेंटरों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इन्हें संवाद में शामिल किया गया था। इस वर्चुअल लॉन्चिंग के मौके पर मुख्यमंत्री के साथ ही संबंधित विभागों के मंत्री भी उपस्थित थे।
30 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश लौटे
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 30 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक-कामगार वापस आए हैं। राज्य के 31 जिलों में वापस लौटने वाले श्रमिकों-कामगारों की संख्या 25,000 से अधिक थी। इनमें पांच तेजी से उभरते हुए जिले भी शामिल हैं। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र की तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान के रूप में एक पहल की है।
इसमें राज्य सरकार के साथ ही उद्योग जगत और अन्य संस्थाओं की भी भागीदारी है। इस अभियान का लक्ष्य रोजगार प्रदान करने, स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक संगठनों और अन्य संस्थानों को एक साथ जोड़ना है।