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मजबूत भारत विश्व शांति को बल देगा, जबकि मजबूत चीन विश्व शांति के लिए खतरा है ।

कल सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लेह, लद्दाख पहुंचने की खबर आई। प्रधानमंत्री मोदी ने वहां निमू पहुंचकर जवानों का हौसला भी बढ़ाया। और साथ ही जवानों को संबोधित भी किया। जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने प्रधानमंत्री के भाषण का विश्लेषण किया। आइए जानते हैं कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण में किस तरफ इशारा किया गया था?

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि यह दौर विस्तारवाद का नहीं है और विकासवाद का दौर है। प्रधानमंत्री मोदी का सीधा इशारा चीन की तरफ था। इसके साथ ही यह भाषण केवल आर्मी के लोगों के लिए नहीं, बल्कि विश्व के समाज के लिए था। चीन विस्तारवाद में विश्वास करता है जबकि हम विकासवाद में।

प्रधानमंत्री ने दूसरी बड़ी बात सेना को लेकर कही, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी आर्मी प्रोफेशनल आर्मी है। हम किसी भी देश के ऊपर आक्रामकता नहीं दिखाते है। जबकि दूसरी तरफ चीनी पॉलीटिकल आर्मी का नजरिया शुरू से ही आक्रामकता भरा रहा है।

तीसरी सबसे बड़ी बात इस भाषण में यह थी कि प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का तेजी से विकास करना विश्व शांति में योगदान देगा। जबकि चीन विश्व शांति के लिए खतरा है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इतिहास से परिचय कराते हुए कहा कि भारत ने इतिहास में भी पीस कीपिंग मिशन में बड़ी भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण से जवानों को भरोसा दिलाया कि देश उनके साथ खड़ा हुआ है। और हर तरह के आधुनिक तकनीक के हथियार वह भारत की सेना के लिए लेकर आ रहे है। जैसे अभी भारत ने 38,000 करोड़ से अधिक के लड़ाकू जहाज रूस से खरीदने का फैसला किया है। इसके साथ ही मिसाइल डिफेंस सिस्टम जो रूस 2021 में डिलीवर करने वाला था। वह 2020 में ही भारत को देने जा रहा है।

पांचवीं सबसे बड़ी बात प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि उनकी नीतियों में दो चीजे प्रमुखता से होती है। पहला भारत माता और दूसरा सैनिकों की माताएं। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पर लुटियंस लॉबी के लोगों को संदेश दिया कि वह अपनी नीतियां भारत माता और सैनिकों की माताओं को ध्यान में रखकर बनाते है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सैनिकों को साथियों के रूप में संबोधित किया। यह भाषण प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक भाषण था। जिससे चीन तिलमिला उठेगा। इस यात्रा पर प्रधानमंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी गए थे।

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