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रक्षा नीति पर राहुल गांधी सवाल तो उठाते हैं लेकिन रक्षा बैठकों में शामिल नहीं होते: अनुपम खेर

जन की बात के फाउंडर एंड सीईओ प्रदीप भंडारी ने आज जन की बात कन्वर्सेशन में मशहूर अभिनेता अनुपम खेर से बातचीत की। इस दौरान प्रदीप भंडारी ने अनुपम खेर से कई सवाल किए जिसमें राजनीतिक रूप से भी जुड़े हुए कई सवाल थे।

अनुपम खेर से बातचीत के कुछ मुख्य अंश:-

प्रदीप भंडारी ने अनुपम खेर से पूछा कि आपने कहा था कि राहुल गांधी मोदी के 1/10 हो जाए तो मैं उनको वोट दूंगा।

इस पर अनुपम खेर में जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस में राहुल गांधी से बहुत अच्छे नेता है। सचिन पायलट, शशि थरूर , मिलिंद देवड़ा यह सब कांग्रेस के काफी अच्छे नेता है लेकिन सिर्फ वहां पर परिवार को बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक बेटे हैं, भाई हैं यह सब कुछ ठीक है लेकिन जब मैं उनको देखता हूं कि यह हमारे भविष्य के प्रधानमंत्री हो सकते हैं तब मैं परेशान हो जाता हूं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी रक्षा नीति पर सवाल उठाते हैं लेकिन 11 बैठकों में से उन्होंने एक भी मीटिंग अटेंड नहीं की है। उन्होंने कहा अमेठी में हारने के बाद आज तक वो गए नहीं। चुनाव हारना छोटी बड़ी बात नहीं होती लेकिन आज तक गए ही नहीं। पॉलिटिक्स में उम्र नहीं होती लेकिन आज की डेट में वोटर भी बेवकूफ नहीं है।

प्रदीप भंडारी ने अनुपम खेर से पूछा कि शशि थरूर आप पर निगरानी क्यों करते हैं? आपका क्या रिश्ता है?

इस सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए बताया कि शशि थरूर एक अच्छे और ज्ञानी आदमी हैं लेकिन उनके ऊपर संगत का असर है। उनकी शादी में भी मैं दुबई गया था बहुत कम लोग आए थे, लेकिन उनकी संगत गलत है। वो काफी पढ़े लिखे हैं लेकिन जब आदमी ऐसे संगत में होता है तो ऐसी ही स्थिति होती है।

प्रदीप भंडारी ने अनुपम खेर से पूछा कि 19 जनवरी 2016 को जंतर मंतर पर आप कश्मीरी पंडितों के लिए धरने पर बैठे थे? क्या आर्टिकल 370 हटना कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए मददगार साबित होगा?

इस पर अनुपम खेर ने बताया कि 19 जनवरी 1990 को चार लाख से अधिक कश्मीरी पंडितों को वहां से बेरहम तरीके से निकाल दिया गया था। यह हमेशा मेरी आत्मा को कचोटता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने धारा 370 हटा कर बहुत बड़ी डेमोक्रेटिक राइट लोगों को दी हैं। यह आजाद भारत के सबसे बड़ी गलती थी और उसको मोदी सरकार ने सुधारा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां तक कश्मीरी पंडितों की वापसी का सवाल है तो उनकी सुरक्षा को भी ध्यान में रखना होगा। जब तक कश्मीरी पंडित अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे तब तक कश्मीर वापस नहीं लौटेंगे,क्योंकि लोगों ने उनके घर को कब्ज़ा भी लिया, कई घर तोड़ दिए गए।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 का शिकार कश्मीरी पंडित ही नहीं बल्कि वहां का मुसलमान भी हुआ। उसे वहां पर गरीब रखा गया , दिहाड़ी देकर उससे पत्थर फेंकवाया गया। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

प्रदीप भंडारी ने पूछा कि बायकॉट चाइना पब्लिक सेंटीमेंट बन चुका है, क्या इंडियन फिल्म इंडस्ट्री भी इसको लागू करेगी?

इस सवाल का जवाब देते हुए अनुपम खेर ने कहा कि बॉलीवुड में 99% से अधिक लोग राष्ट्रवादी हैं। अगर लोग उसको इंडिविजुअल से शुरू करेंगे तो बॉलीवुड में भी लागू किया जा सकता है और हमें पूरी उम्मीद है कि यह लागू किया भी जाएगा। थोड़ा नुकसान तो होगा क्योंकि चाइना बॉलीवुड के लिए एक बड़ा मार्केट है लेकिन जल्द ही इस पर कुछ बड़ा कदम बॉलीवुड लेगा।

इसके बाद प्रदीप भंडारी ने पूछा कि लॉकडाउन में आपने क्या सीखा?

इस पर अनुपम खेर ने बड़ी बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि लॉकडाउन में मैं किताब लिख रहा हूं और इसमें मैंने तीन चीजें सीखी। आदमी को तीन चीजों की जरूरत है । पहला नंबर परिवार है परिवार आदमी के साथ होना चाहिए, दूसरा नंबर जरूरी साधन और तीसरे नंबर पर हमेशा वाईफाई चलना चाहिए। इसके अलावा मुझे कोई जरूरत नहीं पड़ी। लोग मुझे रेस्टलेस कहते थे लेकिन ऐसा नहीं है। मैं 95 दिन अकेला रहा और 75 दिन से बाहर नहीं निकला हूं।

 

पूरा इंटरव्यू के लिए लिंक पर क्लिक करें:-

 

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