कानपुर में 8 पुलिस कर्मियों के हत्यारे विकास दुबे का आज खेल खत्म हो गया है। विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। विकास दुबे को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में प्रवेश कर रहा था। उज्जैन के महाकाल मंदिर के गार्ड ने विकास दुबे को पकड़ कर स्थानीय पुलिस के हवाले किया। इसी दौरान उसने जोर जोर से चिल्लाकर कहा “मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला”
मध्य प्रदेश पुलिस ने शुरुआती जांच में विकास दुबे से कुछ पूछताछ की उसके बाद यूपी पुलिस की एक स्पेशल टास्क फोर्स आज तड़के विकास दुबे को कानपुर लाने के लिए मध्य प्रदेश से रवाना हुई। इसी दौरान एसटीएफ टीम की कार सड़क पर पलट गई।
यह वही कार थी जिसके अंदर कुख्यात गैंगस्टर अपराधी विकास दुबे को ले जाया जा रहा था। दुर्घटनाग्रस्त हुई इस कार से जब अपराधी विकास भागने लगा तो पुलिस ने उसका वही एनकाउंटर कर दिया। जिसके बाद उसे अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
आपको बता दें कि यूपी के अंदर पिछले 8 दिनों में 6 एनकाउंटर हुए हैं और यह सभी एनकाउंटर विकास दुबे की गैंग से संबंधित है। जिसके बाद अब विकास दुबे एंड गैंग की फाइल क्लोज होती दिखाई दे रही है।
तीन जुलाई को पुलिस की बिकरू गांव के जंगलों में विकास दुबे के गैंग से मुठभेड़ हो गई। इसमें पुलिस ने विकास के मामा मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और साथी अतुल दुबे को मार गिराया था। मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। वही हमीरपुर में विकास दुबे का ‘दायां हाथ’ अमर दुबे मारा गया था।
कानपुर पुलिस टीम जब फरीदाबाद से गिरफ्तार विकास दुबे के खास आदमी प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी तभी बीच रास्ते में उसने पुलिस से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और वह उस एनकाउंटर में मारा गया।
विकास दुबे के एक और करीबी प्रवीण उर्फ बउवा को पुलिस ने नौ जुलाई को इटावा मुठभेड़ में मार गिराया। फायरिंग के दौरान बउवा ढेर हो गया। हालांकि उसके तीन साथी भागने में सफल रहे।