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नए अध्ययन के अनुसार टाइप – A ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का है अधिक खतरा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

अमन वर्मा (जन की बात)

कोरोना वायरस विश्वभर में खतरनाक दर से बढ़ रहा है, ये वायरस अब तक 12 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित कर चुका है। इस वायरस की वजह से दुनिया भर में 5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, माना जाता है कि कोरोना वायरस छह महीने पहले चीन में उत्पन्न हुआ था, जो गंभीर स्वाशन सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 (SARS V CoV) 2)  का कारण बना। अब तक इस जानलेवा वायरस के संक्रमण के बारे में कई अध्ययन सामने आ चुके  हैं।  कल यानी शुक्रवार को इंग्लैंड से एक और नए अध्ययन में पाया गया है कि टाइप ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का सबसे अधिक खतरा है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया पीयर रिव्यू स्टडी के अनुसार, टाइप ए (A) ब्लड ग्रुप वाले लोगों को गंभीर COVID-19 से संक्रमित होने का सबसे अधिक खतरा है। टाइप ए (A) ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा 45 प्रतिशत अधिक है अन्य ब्लड ग्रुप्स के मुकाबले, दूसरी ओर टाइप-ओ (O) ब्लड ग्रुप वाले लोगों को इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा 35 प्रतिशत कम है।

इस रिव्यू स्टडी का निष्कर्ष इटली और स्पेन में COVID-19 के 1,600 मरीजों पर किए गए शोध पर आधारित हैं, इसकी तुलना अन्य 2,200 लोगों के साथ की गई जिन्हें ये बीमारी नहीं थीं।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन के अलावा दो और अध्ययन इस पैटर्न को सही साबित करते हैं। ये दर्शाता है कि ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का अधिक खतरा है।

लॉस एंजेलिस टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जिसे मार्च में प्रकाशित किया गया था, चीन के वुहान और शेन्ज़ेन शहरों में, वैज्ञानिकों ने पाया था कि टाइप-ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को COVID-19 ​​से संक्रमित होने का खतरा 21 प्रतिशत अधिक था, जबकि टाइप-ओ ब्लड ग्रुप वाले  33 प्रतिशत कम जोखिम में थे।  यह खोज वुहान और शेनज़ेन के तीन अस्पतालों के 2,173 COVID-19 रोगियों पर आधारित थी। न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक अन्य अध्ययन में कथित तौर पर 1,559 COVID-19 ​​रोगियों पर  भी अध्ययन कर के यही पाया गया था।

टाइप ए (A) ब्लड ग्रुप वालों को अधिक जोखिम में क्यों हैं?

नोवेल कोरोनावायरस श्वसन पथ में हमारी कोशिकाओं के एसीई -2 (ACE-2) रिसेप्टर्स के साथ मिल जाता है।  न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन अध्ययन के लेखकों ने लिखा है कि रक्त प्रकार से जुड़े जीन भी मानव कोशिकाओं पर ACE2 रिसेप्टर को प्रभावित करते हैं, और उनकी COVID और उस तरह के संक्रमण को संशोधित करने की क्षमता अधिक होती है।

क्या है ACE-2 रिसेप्टर्स?

ACE2 कई प्रकार की कोशिकाओं की सतह पर एक प्रोटीन है।  यह एक एंजाइम है जो छोटे प्रोटीन उत्पन्न करता है। इसकी सतह पर स्पाइक-जैसे प्रोटीन का उपयोग करते हुए, SARS-CoV-2 वायरस ACE2 को बांधता है – जैसे कि एक चाभी को ताले में डाला जाता है।

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Sombir Sharma
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Sombir Sharma - Journalist

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