कांग्रेस के लिए राजस्थान में मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है तो वहीं पर कांग्रेस अब सचिन पायलट पर दो धड़ों में बंट गई है। एक धड़ा चाहता है कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को सचिन पायलट से बात करना चाहिए और उन्हें मना कर वापस राजस्थान भेजना चाहिए। तो वहीं पर एक धड़ा चाहता है कि केंद्रीय नेतृत्व को सचिन पायलट से बात नहीं करना चाहिए। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने सुबह ही एक बयान दे दिया जिससे हलचल मच गया। कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि सचिन पायलट भारतीय जनता पार्टी में जा चुके हैं। लेकिन वह दूसरी खबर आ रही है कि सचिन पायलट की मांगे पार्टी आलाकमान ने मान ली है। उनको कुछ मंत्रालय पर भी अधिकार दिया जाएगा और उनकी सुनवाई अब दिल्ली में डायरेक्ट होगी। हालांकि अभी इस पर आधिकारिक घोषणा आना बाकी है। लेकिन अब वर्तमान में राजस्थान कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल तो है लेकिन लग रहा है कि सरकार बच जाएगी।
कांग्रेस ने दिल्ली से सुरजेवाला को भेजा था
आपको बता दें कि कल शाम को कांग्रेस आलाकमान ने कहा कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के संपर्क में है और जल्द ही मसले को सुलझा लिया जाएगा। लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा था। इससे कांग्रेस आलाकमान चिंतित था। कांग्रेस ने आनन-फानन में रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन को जयपुर भेजा और जयपुर में रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास स्थान पर रात मीटिंग किया और आगे के फैसले को केंद्रीय नेतृत्व को सूचित किया। अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला के राजस्थान जाने से एक बात साफ हो गया था कि कांग्रेस के अंदर सब कुछ ठीक नहीं था। केंद्रीय नेतृत्व भी अब भी इस पर चिंतित लग रहा है। हालांकि सुबह विधायकों की बैठक बुलाई गई जिसमें खबर आई कि 100 से अधिक विधायक बैठक में पहुंचे हैं और इसके साथ ही अशोक गहलोत, रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन ने विक्ट्री साइन दिखाते हुए जीत की ओर इशारा किया। इसके साथ ही रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि अगर कुछ मतभेद है तो पार्टी फोरम में अपनी बात रखें। उनकी राय के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले थे ,हैं और रहेंगे।