राजस्थान की सियासी गर्मी के बीच अब हाईकोर्ट के दखल अंदाजी पर देश की निगाहें टिक गई हैं। राज्य की सरकार लगातार अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। एक तरफ जहां स्पीकर सीपी जोशी की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो वहीं अब कोर्ट के अंदर भी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है।
वही दूसरी तरफ भरतपुर से विधायक विश्वेंद्र सिंह ने भी ट्विटर पर अपने समर्थकों को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि, वह किसी भी प्रकार से पार्टी विरोधी गतिविधियों में नहीं है। उन्होंने केवल नेतृत्व को बदलने के लिए आवाज उठाई है।
उन्होंने कहा कि मेरी जनता ने मुझे जो आशीर्वाद दिया है मैं उसका सम्मान करुगा और जनभावनाओं के साथ रहुगा। उन्होंने अपने साथी विधायकों का भी जिक्र करते हुए कहा कि हमारे साथी विधायक भंवरलाल शर्मा सचिन पायलट व अन्य हम जैसे लोगों ने कोई भी पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं की है।
वहीं अब सचिन पायलट को लेकर अशोक गहलोत ने भी अपने तेवर सख्त कर लिए हैं अशोक गहलोत ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि,सचिन पायलट बीजेपी के समर्थन से पिछले 6 महीनों से साजिश रच रहे थे। किसी ने भी मुझ पर विश्वास नहीं किया जब मैं कहता था कि सरकार को गिराने की साजिश चल रही है। किसी को नहीं पता था कि इस तरह के निर्दोष चेहरे वाला व्यक्ति ऐसा काम करेगा. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘मैं यहाँ सब्जी बेचने वाला नहीं हूँ, मैं राजस्थान का CM हूं.’
गहलेात यहीं नहीं रुके उन्होंने पायलट को निकम्मा और नाकारा तक करार दे दिया। उन्होंने कहा, “एक छोटी खबर भी नहीं पढ़ी होगी किसी ने कि पायलट साहब को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाना चाहिए। हम जानते थे कि वो (सचिन पायलट) निकम्मा है, नकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है खाली लोगों को लड़वा रहा है।”