अमन वर्मा (जन की बात)
असम बाढ़ ने सोमवार 20 जुलाई, 2020 तक तीन और लोगों की जान ले ली है, और राज्य के 33 में से 26 जिलों के लगभग 27.64 लाख लोगों को अबतक प्रभावित किया है। बाढ़ ने कई स्थानों पर घरों, फसलों, सड़कों और पुलों को नष्ट कर दिया है।
कल बाढ़ की चपेट में आने से, बारपेटा में दो व्यक्तियों और दक्षिण सलमारा जिले में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मृत्यु का आंकड़ा 89 हो गया है। प्राधिकरण के आंकड़ों ने बाढ़ की स्थिति पर अपनी दैनिक रिपोर्ट में कुल 26 भूस्खलन की भी सूचना दी है।
इस बीच, मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा ने आश्वासन दिया कि बाढ़ प्रबंधन में कोई समस्या नहीं है क्योंकि बाढ़ के लिए सरकारी कर्मचारियों की अलग-अलग टीमें तैनात की गई हैं, इसके साथ COVID-19 भी अपना कहर बरपा रहा है कल असम में 1018 नए कोरोना संक्रमित केस दर्ज किए गए।
बाढ़ से प्रभावित जिलों में ये नाम शामिल हैं- धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, सोनितपुर, दरंग, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपारा, कामरूप मेट्रोपोलिटन, मोरीगांव, नागांव, नागालून, गोलगांव , माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, कार्बी आंगलोंग और कछार।
आपको बता दें कि शुक्रवार को बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 35.76 लाख और कुल 28 प्रभावित जिले थे, लेकिन हुजई और पश्चिम कार्बी के आंगलोंग जिलों में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ। धुबरी के 4.69 लाख से अधिक लोग बाढ़ के कारण सबसे बुरी तरह प्रभावित है, इसके बाद गोलपारा में 4.49 लाख लोग, मोरीगांव और बारपेटा में 3.5 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
एसडीआरएफ बुलेटिन के अनुसार, जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों ने पिछले 24 घंटों के दौरान 511 लोगों को बचाया है।
बुलेटिन के अनुसार कम से कम 2,678 गांव पानी के भीतर हैं, और पूरे राज्य में 1,16,404 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।
एएसडीएमए ने अपने बुलेटिन में कहा है कि 21 जिलों में 649 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां 47,465 विस्थापित लोग वर्तमान में शरण ले रहे हैं। साथ हीं चावल, दाल, नमक और सरसों के तेल के साथ-साथ अन्य राहत सामग्री जैसे तिरपाल, बेबी फूड, मोमबत्ती, माचिस की डिब्बी, मच्छरदानी, बिस्किट, साबुन, पीने का पानी, मवेशी का चारा, मास्क और गेहूं का चोकर वितरित किया है।
ब्रह्मपुत्र जोरहाट में नेमाटीघाट, सोनितपुर जिले के तेजपुर, गोलपारा और धुबरी जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
एएसडीएमए बुलेटिन ने कहा कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के कुल 223 शिविरों में से 59 जलप्रलय से प्रभावित हुए हैं। काजीरंगा पार्क का कुल 85% हिस्सा बाढ़ की चपेट में आचुका है, जिसकी वजह से अबतक 100 से अधिक जानवरों की मृत्यु हो गई है। मामले का संज्ञान लेते हुए कल यानी सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मुखमंत्री सोनवाल से बाढ़ के हालातों पर चर्चा किया, साथ हीं केंद्र ने काजीरंगा में 32किलोमीटर का एक आर्टिफिशियल पहाड़ी मैदान बनने की मंजूरी भी दे दी है।