अमन वर्मा
आज दोपहर 3:15 मिनट पर अंबाला एयर बेस पर उतरे पांच राफेल फाइटर जेट ने भारतीय वायु सेना के नंबर 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को फिर से जीवित कर दिया। राफेल विमान के आने से भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन अब 30 से बढ़कर से बढ़कर 31 हो जाएंगी। जब 2022 में सभी 36 राफेल जेट भारतीय वायुसेना के पास आएंगे, वायु सेना में उसको स्क्वाड्रन की संख्या 32 तक हो जाएगी।
अत्याधुनिक 4.5 जेनरेशन का राफेल जेट ध्वनि की गति से लगभग दोगुने रफ्तार से उड़ता है, जिसकी शीर्ष गति 1.8 मैक (Mach) है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, वायु रक्षा, हवा से ज़मीन और हवा से हवा में हमले करने में सक्षम ये विमान अपनी बहु-भूमिका क्षमताओं के लिए जाना जाता है, राफेल भारतीय वायु सेना को अपने दुश्मनों के विरुद्ध वायु श्रेष्ठता प्रदान करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के J20 चेंगदू जेट्स को पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू जेट कहा जाता है, जबकि 4.5 पीढ़ी के राफेल की तुलना में, J20 को लड़ाकू अनुभव नहीं है। राफेल पहले से, फ्रांसीसी वायु सेना द्वारा अफगानिस्तान, लीबिया और माली में अपने मिशन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका उपयोग मध्य अफ्रीका, इराक और सीरिया में मिशनों के लिए भी किया गया है। भारत का राफेल चीन के J20 की तुलना में अधिक ईंधन और हथियार भी ले जा सकता है।
प्रत्येक विमान में हथियारों के लिए 14 भंडारण स्टेशन हैं। राफेल जेट्स में सबसे उन्नत एयर-टू-एयर मिसाइलों में से एक के साथ आते हैं। 190 किलोग्राम की मिसाइल में 100 किमी से अधिक की बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) है, जो मैच (Mach) 4 की शीर्ष गति से मार करती है। पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले F16 जेट, AMRAAM मिसाइल से लैस हैं, जिसमें 75 किमी की BVR है। राफेल (dogfight) मोड में पाकिस्तान के F16 को भी पीछे छोड़ सकता है।
राफेल जेट 300 किमी से अधिक की रेंज के साथ हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल SCALP के साथ आते हैं। यह लंबी दूरी पर मार करने वाली मिसाइल है। इसके साथ हीं राफेल पर MICA हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, क्लोज-क्वार्टर डॉगफ़ाइट और बी.वी.आर दोनों के लिए है। अंतिम समय में, भारत ने HAMMER (अत्यधिक फुर्तीली और मनोविलेबल मुनिशन एक्सटेंडेड रेंज) के लिए भी कहा है, जो कि फ्रेंच कॉनग्लोमरेट सफ्रान द्वारा निर्मित एक एयर-टू-ग्राउंड बंकर्स को भेदने वाली मिसाइल है।
इस वक़्त राफेल अंबाला के एयर बेस पर तैनात है जो चीन और पाकिस्तान दोनों से करीब है, ऐसे में राफेल दोनों देशों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। राफेल की सबसे खास बात ये है कि ये एक दिन में 5 बार युद्ध के लिए उड़ान भर सकता है।