आज राम नगरी अयोध्या के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। राम मंदिर जन्मभूमि शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम जन्मभूमि समारोह में आए अतिथियों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ ही क्षेत्र का पूरा आर्थिक परिवेश बदल जाएगा यहां नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इस क्षेत्र का तेजी से विकास होगा प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में रामायण सर्किट का भी जिक्र किया था।
आइए जानते हैं क्या है रामायण सर्किट
देश में स्वदेश दर्शन स्कीम के 13 टूरिस्ट सर्किट का निर्माण किया जाना है। जिनमें से एक है रामायण सर्किट, रामायण सर्किट के तहत देश में मौजूद रामायण से जुड़े 15 तीर्थ स्थानों को एक साथ जोड़ा जाना है। यहां पर सरकार यात्रियों के लिए बेसिक सुविधाएं जैसे पानी और ठहरने की व्यवस्था करेगी। आपको बता दें,इस योजना पर आने वाला पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। यह स्कीम भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा चल रही है।
रामायण सर्किट के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के अयोध्या, श्रीगवेपुर, चित्रकूट, बिहार से सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा, मध्य प्रदेश से चित्रकूट, पश्चिम बंगाल से नंदीग्राम, उड़ीसा से महेंद्रगिरी, छत्तीसगढ़ से जगडोलपुर, तेलंगाना से भद्राचलम, तमिलनाडु से रामेश्वरम, कर्नाटक से हंपी और महाराष्ट्र से नासिक और नागपुर को शामिल किया गया है।
रामायण सर्किट के तहत अयोध्या में हो रहा है विकास
रामायण सर्किट के तहत केंद्र सरकार वर्ष 2016 अयोध्या के लिए 245 करोड रुपए फंड जारी कर चुकी है। इसके साथ ही अयोध्या में रामायण सर्किट के तहत ही 20 एकड़ में रामायण म्यूजियम का निर्माण किया जा रहा है।
रामायण सर्किट के साथ देश में बन रहा है कृष्णा सर्किट
रामायण सर्किट के साथ केंद्र सरकार कृष्णा सर्किट पर भी कार्य कर रही है। आपको बता दें स्वदेशी दर्शन स्कीम के तहत बुद्धिस्ट सर्किट और स्प्रिचुअल सर्किट को भी बनाया जाएगा।