34 साल के लंबे इंतजार के बाद भारत में नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है। इस शिक्षा नीति के तहत देश में पाठ्यक्रम से लेकर शिक्षा प्रणाली में तमाम नए बदलाव किए गए हैं। शिक्षा नीति के तहत अधिक से अधिक स्किल इंडिया पर ध्यान दिया गया है। व युवाओं को किसी न किसी क्षेत्र में निपुण बनाने की कोशिश इस शिक्षा नीति के माध्यम से की जाएगी।
देश अब शिक्षा के अंदर अपने बजट को भी बढ़ाने जा रहा है। इसी संदर्भ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित भी करेंगे। इस दौरान पीएम नई शिक्षा नीति के प्रारूप,उसकी संरचना व ढांचे की रूपरेखा देश के सामने रखेंगे।
पीएम नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘उच्च शिक्षा में रूपांतरकारी सुधारों’ पर आयोजित एक सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि इस सम्मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में नई शिक्षा नीति-2020 की घोषणा कर देश की 34 साल पुरानी, 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया। नई नीति का लक्ष्य भारत के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली में इस तरह के सुधार करना है कि देश दुनिया में ज्ञान की ‘सुपरपावर’ कहलाए।