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राम मंदिर भूमिपूजन के बाद भी बाबरी मस्जिद का जाप जप रहे हैं लोगों का अब होगा मुंह बंद

राम मंदिर निर्माण के लिए किए भूमिपूजन के बाद भी कई लोग बाबरी मस्जिद का जाप जपने से नहीं थक रहे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई राजनीतिक पार्टियों के सदस्य और धार्मिक संस्थानों से जुड़े हुए लोग गैर जिम्मेदार बयानबाजी कर रहे हैं।

चाहे वह संविधान और कानून की दलीलें देने वाले AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद ओवैसी क्यों ना हो।

राम मंदिर निर्माण भूमिपूजन के बाद मंदिर निर्माण से जुड़े हुए छोटे बड़े कामों ने अपनी गति पकड़ ली है जिसके तहत मंदिर की नींव की खुदाई के काम को भी अंजाम देना है। दिल्ली में 20 अगस्त को मंदिर निर्माण समिति की मीटिंग होनी है जिसमें निर्माण और उससे जुड़े फैसले पर चर्चा कि जाएगी।

माना जा रहा है कि नींव की खुदाई के काम को पुरातत्व विभाग की निगरानी में करने का फैसला लिया जाएगा। जमीन समतल करने के दौरान ऐसे कई अवशेष मिले थे जो 12 वीं शताब्दी के माने जा रहे थे। इसी को देखते हुए जाने-माने पुरातत्व के जानकार केके मोहम्मद ने इस कार्य की वकालत करते हुए कहा है कि नीव के खुदाई के दौरान ऐसे कई प्राचीन पुरातत्व से जुड़ी सामग्री मिलने की पूरी संभावनाएं हैं क्योंकि हर बार की जांच में यहां पर कुछ ना कुछ मिला ही है।

पहले भी मिल चुके हैं कई अवशेष

राम जन्मभूमि पर किए 1976 के सर्वे में भी यहां पर पुराने मंदिरों के अवशेष मिले थे। जिसका जिक्र 2019 के सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में भी दर्ज है कि मस्जिद किसी खाली जमीन पर नहीं बनी थी।

ram mandir bhumi pujan

केके मोहम्मद 1976 के उस सदस्यों वाली टीम का हिस्सा रह चुके हैं जिन्होंने मंदिर के अवशेष खोजें थे। हाल में समतल करने की प्रक्रिया के दौरान भी कई अवशेष मिल रहे थे। दोनों अवशेषों की जांच करने के बाद पता चल रहा है कि अगर नींव की खुदाई सही तरीके से की जाए तो आठवीं शताब्दी के भी कई अवशेष मिलने की उम्मीदें हैं।

उनका मानना है कि इन अवशेषों को मंदिर निर्माण के बाद उसी मंदिर के एक हिस्से में म्यूजियम बनाकर रखा जाना चाहिए।

पौराणिक कथाओं और ग्रंथों से लेकर हालिया मिले अवशेष और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी एक धर्म विशेष से जुड़े कुछ लोग बोलने की आजादी का गलत फायदा उठाकर भड़काऊ टिप्पणी देने से बाज नहीं आ रहे। ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई के बिना अंकुश नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि ऐसे लोग समाज के शांति और तरक्की के सबसे बड़े रुकावट के तौर पर बने रहते हैं।

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